Poem on Environment in Hindi : हम सभी जानते हैं कि पर्यावरण हमारे जीवन के लिए कितना उपयोगी है. यदि पृथ्वी पर पर्यावरण नहीं होगा तो जीवन की कल्पना करना भी संभव नहीं है. अब पर्यावरण हमारे लिए इतना उपयोगी है तो मैंने सोचा आज आपको पर्यावरण पर हिंदी कविता बताऊ
नमस्कार दोस्तों पर्यावरण पर कविता (Environment Poem in Hindi) का यह कलेक्शन कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10,11,12 तक के विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी है. उम्मीद रहेगी आपको पर्यावरण पर कविता का यह कलेक्शन अच्छा लगेगा
1) Short Environment Poem in Hindi

𝄠 पर्यावरण पर कविता – #1 𝄠
मैं पेड़ हूं, मैं हूं हवा
मैं पेड़ हूँ, मैं हूँ हवा
मैं सृष्टि का उपहार हूं
मैं स्वच्छ निर्मल नीर हूं
मैं ही जगत आधार हूं
कहते मुझे पर्यावरण
शुचिता सहित वरदान मैं
दूषित किया अभिशाप हूं !
शिक्षित-अशिक्षित सब करें
मैं स्वच्छता का जाप हूं
कहते हैं मुझे पर्यावरण
मुझमें बसा हर नाद है
मैं सृजन हूं, संगीत हूं
मैं हूं अचेतन चेतना
मैं ही धारा का मीत हूं
कहते मुझे पर्यावरण
सुन ले, समझ ले तू मनुज
सुन ले, समझ ले तू मनुज
मेरा परम है आवरण
मैं हूं प्रबल निरपेक्षता
कहते मुझे पर्यावरण
कहते मुझे पर्यावरण
𝄠 पर्यावरण पर कविता – #2 𝄠
पर्यावरण है देश की शान
सुन्दर वातावरण गाँव की पहचान
गाँव-गाँव को स्वर्ग बनाओ
पेड़-पौधें लगाने में निभाओ भागीदारी
समय-समय पर चलाओ अभियान
अधिक वृक्षारोपण से बढ़ाओ सम्मान
स्वच्छ धरा है आभूषण
दूर करो इससे प्रदूषण
पर्यावरण है जीवन का अंग
प्रदूषण करता है जीवन भंग
जन-जन की है यह अभिलाषा
सुन्दर पर्यावरण हमारी जिज्ञासा
𝄠 पर्यावरण पर कविता – #3 𝄠
पेड़ लगाओ, देश बचाओ
जन-जन का यह नारा है
अपने घर को स्वच्छ रखें हम
आस-पास न फेंके कूड़ा
नदी तालाबों को स्वच्छ रखें हम
जन-जन का यह नारा है
आगे बढ़े हम पर्यावरण बचायें
पॉलीथिन का प्रयोग न करें हम
स्वच्छ सुरक्षित भोजन करें हम
जन-जन का यह नारा है
पेड़ हमें शुद्ध हवा देते हैं
पेड़ों से हमें मिलती छाया
यही है पर्यावरण हमारा
𝄠 Paryavaran kavita in Hindi – #4 𝄠
थीम सोच बदले अपनी पर्यावरण के खातिर
पर्यावरण प्रदूषण से कहाँ आती जीवन में खुशहाली
आज का मानव काट रहा है पेड़ की हर एक डाली
सोच बदलो अपनी तो सहारे मिलेंगे
पेड़ लगाओगे तो हरे-हरे नजारे मिलेंगे
एक वृक्ष देता है फल, फूल और छाया भरपूर
मानव अब तो बदलो, अपना पेड़ काटने का दस्तूर
प्रदूषण रहित हो वाहन अपना जाँच सभी करवाएँ,
फिर देखो वातावरण में शुद्ध वायु ही पाएँ
आओ मिलकर पर्यावरण बनाये
𝄠 Paryavaran kavita in Hindi – #5 𝄠
ये है पर्यावरण हमारा, इसकी रक्षा सबका धर्म
इसमें प्राण बसे है सबके, कर ले मानव यह शुभ कर्म
खेतों से हरियाली खो गयी, उजड़े जंगल सारे
देख धरा की ऐसी हालत, रोते चाँद सितारे
मारे वन्य जानवर सारे, कुछ तो कर मानव तू शर्म
ये है पर्यावरण हमारा, इसकी रक्षा करना सबका धर्म
प्राण बसे है मानव तेरे, शुद्ध हवा के जल में
जीने की सुध सीखी तुने, कुदरत के आंचल में
पल में बरना बनते खाक, ये तेरे हाड मांस व चर्म
ये पर्यावरण हमारा, इसकी रक्षा सबका धर्म
अगर प्रदूषण यू फैलेगा, हम सब होंगे रोगी
त्यागो अपनी नादानी को, बनो न इतने भोगी
योगी होकर पुण्य कमाओ, समझो ये कुदरत का मर्म
ये है पर्यावरण हमारा, इसकी रक्षा सबका धर्म
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2) Best Hindi Poem on Environment
𝄠 पर्यावरण पर हिंदी कविता – #1 𝄠
मिलकर आज ये कसम खाते हैं
पर्यावरण को स्वच्छ बनाते हैं
मिलकर आज ये कसम खाते हैं
प्रदूषण को दूर भगाते हैं
मानव तूने अपनी जरूरतों के लिए
वातावरण को कितना दूषित किया है
फिर भी पर्यावरण ने तुझे सब कुछ दिया है
प्राण दायिनी तत्वों जल, वायु और मिट्टी से
हमारा जीवन का उद्धार किया है
फिर भी आज मानव पेड़ काटता है
अपने जीवन को संकट में डालता है
पर्यावरण न होता तो
जीवन में रंग कहाँ से होते
पर्यावरण को स्वच्छ बनाना
हमारा प्रथम कर्तव्य है
आओ मिलकर कसम खाते हैं
पर्यावरण को स्वच्छ बनाते हैं
आज मिलकर कसम खाते हैं
प्रदूषण को दूर भगाते हैं
𝄠 पर्यावरण पर हिंदी कविता – #2 𝄠
धूल, मिट्टी, पत्थर जीवन को दे रहे प्रदूषण
स्वस्थ दिल, दिमाग का किंचित भी न यह आभूषण
स्वार्थ के कारण हम काट रहे, जंगल और मना रहे मंगल
नहीं जानते क्या श्वास की प्राणदायिनी का है यह अमंगल
दोस्तों हमने पढ़ा था- वृक्ष लगाओ और पुण्य कमाओं
आकृष्ट यह भी करता खुद जिओ और सभी को जीने दो
प्रकृति ने किए हैं कितने उपकार धरती पर
पर्यावरण को दूषित कर किसे दें रहें उपकार धरती पर
सुर मिलाओं घटा का सावन के साथ
स्वच्छ जीवन और पानी से सर्वस्वस श्रंगार करो हरीतिमा के साथ
उन्नति, प्रोन्नति, उद्योग क्या कीमत है आज मानव की
चिमनियों से निकलता धुआँ क्या यही निशानी है जीवन की
संसाधन का कर दोहन पर्यावरण के साथ
इंसान मशीन को लाया दीर्घ जीवन के पास
प्लाट का प्रदूषित पानी न करे खेती को बर्बाद
कुछ करो ऐसा जतन पर्यावरण व खाद्यान्न रहे आबाद
हरा-भरा हो जीवन पतझड़ का न रहे निशान
जीवन का गुलशन महके, पाये पर्यावरण की सौगात
अवनि और अंबर महके, आओ मिलकर पर्यावरण का करे निदान
Poem on Save Environment in Hindi
𝄠 पर्यावरण बचाओ पर कविता – #1 𝄠
पर्यावरण को बचाना हमारा ध्येय हो
सबके पास इसके लिए समय हो
पर्यावरण अगर नहीं रहेगा सुरक्षित
हो जायेंगे सब कुछ दूषित
भले ही आप पेड़ लगाये एक
पूरी तरह करें उसकी देखरेख
सौर ऊर्जा का करे सब उपयोग
रासायनिक खाद का कम करे छिड़काव
भूमि को प्रदूषित होने से बचाव
कचड़ों का समुचित रीति से करो निपटारा
फिर न होगी कोई नदी प्रदूषण का मारा
फक्टरियों में जब सौर यन्त्र लगाई जायेगी
वायु प्रदूषण में अपने आप कमी आयेगी
आधी बिमारियाँ अपने आप चली जायेंगी
𝄠 पर्यावरण बचाओ पर कविता – #2 𝄠
बदलें हम तस्वीर जहाँ की
सुन्दर सा एक दृश्य बनायें
सन्देश ये हम सब फैलाएँ
आओ पर्यावरण बचाएँ
हवा चाहिये शुद्ध ही सबको
पेड़ न कोई लगता है
अनजाने में सब रोगों को
पास में खुद ही बुलाता है
हरियाली फैलाकर आओ
सबको अब हम स्वस्थ बनायें
सन्देश ये हम सब फैलाएँ
आओ पर्यावरण बचाएँ
फेल रहा है खूब प्रदूषण
काट रहा मानव जंगल वन
हवा हो रही है जहरीली
कमजोर पड़ रहा है सबका तन
समय आ गया है कि मिलकर
हम सब कोई कदम उठायें
सन्देश ये हम सब फैलाएँ
आओ पर्यावरण बचाएँ
𝄠 पर्यावरण संरक्षण पर कविता – #3 𝄠
पर्यावरण बचाओ! धरती चिल्ला रही हमारी
आँ क्या विनाश की कर ड़ाली है, तुमने ये तैयारी
जल जीवन में निर्मलता का, नामोनिशां न बाकी
साँसों में अब जहर घोलती, प्राणवायु वसुधा की
मिट्टी की सोंधी सुगन्ध भी, रसायनों ने मारी
क्या विनाश की कर डाली है, तुमने ये तैयारी
क्या विनाश है क्या विकास है, इतना तो पहचनो
बेदर्दी से शोषण करते, आये सदा प्रकृति का
आज प्रकृति कुपित रूप ले, खेले अपनी पारी
इसको शांत कराना अब, हम सबकी जिम्मेदारी
धरती के हर जड़ चेतन में, तालमेल से चलना
जड़ चेतन हित प्राणिमात्र हित, सृष्टि संतुलित धारी
स्वगदिपि गरीयस, फिर से हो धरती हमारी
𝄠 पर्यावरण संरक्षण पर कविता – #4 𝄠
जीवन है जिसके साये में, नमन उसे मैं करता हूँ
पर्यावरण के संरक्षण का प्रण, आज मैं करता हूँ
भीषण रुदन से पर्यावरण के, कहीं बाढ़ कहीं तूफाँ है
जिन्दा रहने की लड़ाई ने, प्राणी का खून चूसा है
पर्यावरण तो माँ जैसा, ऋषि-मुनियों ने यह माना है
पर माँ को ठेस है पहुँचाना, इन निशाचरों ने ठागा है
जगह-जगह कूड़ा फैलाते, पर्यावरण दूषित कर जाते
प्रण झूठा ये करते हैं, फिर पाप के भोगी बनते हैं
ईश्वर की इस धरती पर ये, दुष्कर्म जो करते हैं
पर्यावरण के हनन को अलंकार समझते हैं
कारण पूछो तो, आरोपों की वर्षा करते हैं
संरक्षण का काम है भारी, मुँह फेरकर चल देते है
शपथ ग्रहण कर, दूसरे दिन से, कूड़ा वो फेलाते हैं
पर्यावरण की सुन्दरता को, कलंकित कर जाते हैं
रक्षण की कड़ी में जुड़ो, लोगों से आह्वाहन हैं
पर्यावरण का संरक्षण ही अब तुम्हारा मान है
𝄠 पर्यावरण बचाओ पर कविता – #5 𝄠
ईश्वर का वरदान है पेड़
वातावरण की शान हैं पेड़
पेड़ ना कोई कटने पाए
जंगल अब ना घटने पाए
मिलकर हम सब कसम खाएँ
आओ मिलकर पेड़ लगाएँ
पेड़ लगाओ जीवन बचाओ
पेड़ लगाओ देश बचाओ
पेड़ लगाओ वृक्ष बचाओ
आज समय की माँग यही है
पर्यावरण बचाओ, पर्यावरण बचाओ
जब तक मानव का जीवन है
यह सबको समझाओ पर्यावरण बचाओ
जीव-जगत की रक्षा करना है कर्तव्य हमारा
एक वृक्ष हम नित रोपेंगे आज शपथ ये खाओ
पर्यावरण बचाओ, पर्यावरण बचाओ
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संक्षेप में – Poem on Environment in Hindi
उम्मीद है आपको पर्यावरण पर कविता (Short Poem on Environment in Hindi) का यह कलेक्शन अच्छा लगा होगा
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