प्रदूषण की समस्या पर निबंध हिंदी में : दिन-प्रतिदिन हम अखबारों में प्रदूषण से होने वाले विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभावों के बारे में जरूर पढ़ते या सुनते है. यदि प्रदूषण इसी गति से बढ़ता रहा तो एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब मानव समेत संपूर्ण प्राणी जगत का विनाश इस पृथ्वी से हो जाएगा
क्या आप प्रदूषण की समस्या पर निबंध लिखना चाहते हैं तो आपने एकदम सही पोस्ट को चुना है. आज मैं आपको बताऊंगा कि पर्यावरण प्रदूषण पर किस प्रकार निबंध आप लिख सकते हैं. तो आइए पढ़ते हैं
प्रदूषण की समस्या पर निबंध

“पर्यावरण में विष ना मिलाओ
अपने कार्यों से प्रदूषण ना फैलाओ”
प्रस्तावना
विज्ञान और तकनीकी विकास ने कई सारे संसाधनों को उपलब्ध करवाया है. आधुनिक संसाधनों को प्राप्त करने की होड़ में मनुष्य अंधाधुन प्रयास कर रहा है. ऐसे में यह सारी सफलताएं नई-नई मुसीबतों को भी जन्म दे रही है
प्रदूषण की समस्या भी इसी मुसीबत का एक प्रमुख उदाहरण है. जिसके बारे में विचार करने की आज सभी को आवश्यकता है. प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण का महत्व जानना होगा क्योंकि यह हमारे अस्तित्व का आधार है
प्रदूषण का अर्थ
संतुलित वातावरण में ही जीवन का विकास संभव होता है. पर्यावरण का निर्माण प्रकृति द्वारा किया गया है और पर्यावरण जीवधारियों के अनुकूल होता है
जब वातावरण में कुछ हानिकारक घटक आ जाते हैं तो वह वातावरण को हानि पहुंचाने करने लगते है जिसे हम प्रदूषण कहते है
प्रदूषण के प्रकार
प्रदूषण संपूर्ण प्राणी जगत के लिए घातक साबित हो रहा है इसके कई सारे प्रकार हैं
(1) वायु प्रदूषण
पृथ्वी पर जीवन पनपने के लिए ऑक्सीजन बेहद उपयोगी तत्व है. वायु का प्रदूषित होना ही वायु प्रदूषण कहलाता है. आज मनुष्य ने अपनी प्रगति के लिए विभिन्न प्रकार के कारखानों, मोटर वाहनों आदि का प्रयोग किया है जिसके फलस्वरूप इनसे उत्पन्न जहरीली गैसें अधिक मात्रा में बढ़ी है
जहरीली गैसों को अवशोषित करने के लिए पेड़-पौधों का अधिक मात्रा में होना अनिवार्य है लेकिन मनुष्य में इनका भी विनाश कर दिया है जिसके परिणाम स्वरूप वायु प्रदूषण अधिक मात्रा में बढ़ रहा है
(2) जल प्रदूषण
हम सभी जानते हैं पानी के बिना जीवित रहना असंभव है. जल ही जीवन है का कथन एकदम सटीक बैठता है. जल में प्रदूषण होना ही जल प्रदूषण कहलाता है
आज मनुष्य विभिन्न प्रकार की गंदगी को जल में बहा देता है और समझता है कि उसकी समस्या का समाधान हो चुका है. लेकिन वह यह नहीं समझता की इससे जल में रहने वाले जीवों के लिए खतरा और जल प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है
चूकि मनुष्य ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्राकृतिक जल स्रोतों तथा शुद्ध जल को गंदा कर दिया है, इस कारण जल प्रदूषण की समस्या और भी गंभीर मुद्दा बन चुका है
(3) ध्वनि प्रदूषण
ध्वनि प्रदूषण से आशय है कि एक तीव्र शोर जिससे समस्त प्राणी जगत को नुकसान पहुंचता है. इसके फलस्वरुप सुनने की क्षमता में कमी, गुस्सा और चिड़चिड़ापन आदि मानसिक रोग पैदा हो सकते हैं
इसी प्रकार के कई अन्य प्रदूषण जैसे रेडियोधर्मी प्रदूषण, प्लास्टिक प्रदूषण, मृदा प्रदूषण इत्यादि भी प्रदूषण के मुख्य रूप है जोकि पृथ्वी को केवल विनाश की ओर ले जा रहे हैं
प्रदूषण की समस्या और उसका समाधान
प्रदूषण की समस्या आज एक वैश्विक मुद्दा बन चुकी है. पेड़ों को अंधाधुंध काटे जाने से भूमि का कटाव हो रहा है तथा प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है
वायु प्रदूषण के कारण सांस के रोग, जल प्रदूषण के कारण पेट के रोग एवं ध्वनि प्रदूषण से मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ रही है
प्रदूषण को कम करने के लिए हमारी सरकार विभिन्न तरह के प्रयास कर रही है. उद्योग धंधे शहरों से बाहर भेजे जा रहे हैं, पेड़ काटने की मनाही है, डीजल से चलने वाले पुराने वाहनों की जगह CNG का अधिक उपयोग करने की सलाह दी जा रही है, लाउडस्पीकर और डीजे इत्यादि का प्रयोग कम कर दिया गया है
इसके अलावा लोगों को पर्यावरण का महत्व समझाने के लिए हर साल पर्यावरण दिवस, पृथ्वी दिवस, विश्व जल संरक्षण जैसे दिवसों के माध्यम से पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है और भयंकर रूप से बढ़ रही प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं
लेकिन प्रदूषण आज भी बहुत अधिक मात्रा में फैल रहा है. केवल सरकार के प्रयास से ही नहीं बल्कि देश के हर एक नागरिक को इस समस्या पर विचार करना होगा तथा प्रदूषण को कम करने के हर एक सक्षम उपाय को अपनाना होगा
उपसंहार
यदि प्रदूषण को जल्द ही कम नहीं किया गया तो इसका परिणाम संपूर्ण पृथ्वी के लिए घातक साबित होगा. हम सभी को पर्यावरण के प्रति सचेत होना चाहिए तथा शुभ अवसर पर कम से कम एक पौधा जरूर लगाना चाहिए
यदि हम इस छोटे प्रयास से शुरुआत करते हैं तो निश्चित ही हम प्रदूषण के दुष्परिणाम से बच सकते हैं और आने वाली पीढ़ी को भी इसकी काली छाया से बचा सकते हैं
“आओ मिलकर करते एक वादा
पर्यावरण हो प्रदूषण मुक्त हमारा”
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संक्षेप में
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