Educational

प्रदूषण किसे कहते हैं : इसके प्रकार, कारण और कम करने के उपाय

प्रदूषण किसे कहते हैं : दिन प्रतिदिन हम खबरों में प्रदूषण के बारे में जरूर सुनते या पढ़ते हैं. प्रदूषण की समस्या आज पूरे विश्व के समक्ष एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई है इसीलिए प्रदूषण के बारे में जानना अति आवश्यक हो गया है

क्या आप खोज रहे हैं कि प्रदूषण क्या होता है और प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं तथा इसे कम कैसे किया जा सकता है? तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं

आज मैं आपको प्रदूषण के बारे में जानकारी दूंगा जिससे कि आपका नॉलेज बढ़ेगा और आपको कुछ नया सीखने को मिलेगा. तो आइए जानते हैं

पाठ्यक्रम show

प्रदूषण किसे कहते हैं – What is Pollution in Hindi

प्रदूषण किसे कहते हैं

जब एक निश्चित सीमा से अधिक प्राकृतिक पर्यावरण में मानव का हस्तक्षेप बढ़ने लगता है तो इससे पर्यावरण को हानि पहुंचती है. पर्यावरण का यह विघटन समस्त जीवों के लिए हानिकारक होता है इसे ही प्रदूषण कहते हैं. चलो इसे आसान बनाकर परिभाषा के रूप में समझते हैं

प्रदूषण की परिभाषा – Definition of Pollution in Hindi

मानवीय क्रियाकलापों के द्वारा ऊर्जा, विकिरण, भौतिक एवं रासायनिक तत्वों का असीमित मात्रा में पर्यावरण में मिलना तथा पर्यावरण को हानि पहुंचाना प्रदूषण कहलाता है. पर्यावरण प्रदूषण के विभिन्न कारण हो सकते हैं. आइए इन पर नजर डालते हैं

प्रदूषण के कारण

पर्यावरण प्रदूषण का मुख्य कारण अदूरदर्शिता, भावी परिणामों के प्रति लापरवाही माना जा सकता है. जिसके कारण यह गंभीर समस्या और भी अधिक घातक होती जा रही है

हमारा यही नकारात्मक दृष्टिकोण समस्या को सुलझाने में निरंतर बाधा उत्पन्न करता है. प्रदूषण को प्राकृतिक एवं मानवीय कारणों के आधार पर दो भागों में विभाजित किया गया है

1. प्रदूषण का प्राकृतिक कारण या प्राकृतिक प्रदूषण

प्राकृतिक कारण के अंतर्गत वे क्रियाएँ शामिल है जो प्रकृति से उत्पन्न होकर किसी प्रकार के प्रदूषण में सहायक होती है. वस्तुतः प्रकृति द्वारा उत्पन्न प्रदूषण अधिक घातक नहीं होता जैसे ज्वालामुखी विस्फोट, प्राकृतिक आपदाएं इत्यादि

2. प्रदूषण का मानवीय कारण या मानवीय प्रदूषण

मानवीय प्रदूषण ही वास्तव में प्रदूषण का मुख्य कारण होता है. प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष सभी प्रदूषण मानव निर्मित ही होते हैं. जैसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, औद्योगिक प्रदूषण, रेडियोधर्मी प्रदूषण, रासायनिक प्रदूषण एवं सांस्कृतिक प्रदूषण इत्यादि सभी मानव निर्मित प्रदूषण है

प्रदूषण के प्रकार – Types of Pollution in Hindi

प्रदूषण के प्रकार

मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं प्रदूषण सामान्यतः 6 प्रकार के होते हैं. नीचे सूची में आपको इनका विवरण दिया गया है जिन्हें आप जान सकते हैं

  • वायु प्रदूषण
  • जल प्रदूषण
  • मृदा प्रदूषण
  • ध्वनि प्रदूषण
  • रेडियोधर्मी प्रदूषण
  • ऊष्मीय प्रदूषण

1) वायु प्रदूषण क्या है – Air Pollution in Hindi

जब वायुमंडल के बाहर से विभिन्न प्रदूषक तथा धूल, गैस और वाष्प इतनी मात्रा में एकत्रित हो जाएं कि उससे वायु के प्राकृतिक गुण में अंतर आने लगे तथा मानव स्वास्थ्य, सुखी जीवन और संपत्ति को हानि पहुंचने लगे तथा जीवन की गुणवत्ता बाधित हो, तो उसे वायु प्रदूषण कहते हैं

वैसे तो वायु प्रदूषण विभिन्न कारणों से हो सकता है. लेकिन इसके सबसे प्रमुख कारण बढ़ती आबादी, बढ़ते उद्योग, जंगल की आग, वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी, वनों की अंधाधुंध कटाई तथा परमाणु परीक्षण जैसे कार्य है जिसने की शुद्ध वायु को सबसे अधिक प्रभावित किया है

वायु प्रदूषण कम करने के कुछ उपाय

वायु प्रदूषण को निम्न उपायों द्वारा कम किया जा सकता है :

  • अधिक से अधिक वृक्षारोपण करके वायु प्रदूषण कम होगा क्योंकि पेड़-पौधे जहरीली गैसों को अवशोषित कर शुद्ध ऑक्सीजन की मात्रा में बढ़ोतरी करेंगे
  • वनों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगनी चाहिए तथा समय-समय पर वृक्षारोपण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाई जानी चाहिए
  • ऐसे वाहनों का उपयोग किया जाना चाहिए जिनसे धुआँ कम से कम निकले
  • दिवाली के मौके पर कम पटाखे जलाकर या न जलाकर वायु प्रदूषण नियंत्रित किया जा सकता है
  • कम दूरी के लिए मोटरसाइकिल के उपयोग के बजाएं साईकिल का उपयोग करना बेहतर रहेगा
  • सौर ऊर्जा तथा ऊर्जा के वैकल्पिक संसाधनों का अधिक उपयोग किया जाना चाहिए

ऊपर बताए गए उपायों को अपनाकर हम वायु प्रदूषण को कम करने में अपनी भागीदारी निभा सकते हैं. यदि आप वायु प्रदूषण के बारे में अधिक पढ़ना चाहते हैं तो आप वायु प्रदूषण पर निबंध पढ़ सकते हैं जिससे कि आपको और अधिक जानकारी वायु प्रदूषण के बारे में होगी

2) जल प्रदूषण क्या है – Water Pollution in Hindi

यदि किसी बाहरी तत्व की उपस्थिति से, जब जल की भौतिक व रासायनिक गुणों में किसी भी प्रकार का परिवर्तन होता है तो वह जल प्रदूषण कहलाता है. अगर दूसरे शब्दों में समझाऊं तो जल में विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट पदार्थ मिलने से जल का प्रदूषित होना ही जल प्रदूषण कहलाता है

जल को प्रदूषित करने के पीछे सबसे बड़ा हाथ मनुष्य का ही है. मनुष्य ने अपना विकास तो कर लिया है लेकिन प्राकृतिक संसाधन के साथ खिलवाड़ भी किया है. विभिन्न फैक्ट्रियों से निकलने वाला जहरीला अवशिष्ट पदार्थ जल में बहा दिया जाता है जिसके फलस्वरूप जल प्रदूषण तो निश्चित ही होता है लेकिन हमने जल में रहने वाले विभिन्न जीव धारियों का जीवन भी समाप्त कर दिया है

इसका एक उदाहरण हाल ही में मैंने देखा, कुछ दिनों पहले मैं और मेरे दोस्त घूमने गए थे जहां कि हमें रास्ते में एक नदी मिली. उस नदी के किनारे बहुत सारी मछलियां मरी पड़ी थी. पहले तो मुझे लगा कि कोई मछली पकड़ने आया होगा और शायद कुछ मछलियां गलती से भूल गया होगा

लेकिन जब मैं नदी किनारे पहुंचा और मैंने एक मछली उठाई तो उसके मुंह में प्लास्टिक की पन्नी का एक टुकड़ा फंसा हुआ था जिसे खाकर शायद वह मर गई थी. तो उस मछली की मृत्यु का जिम्मेदार कहीं ना कहीं मनुष्य ही है

जल प्रदूषण कम करने के कुछ उपाय

  • हमें नदियों तथा तालाबों के किनारे साबुन तथा डिटर्जन पाउडर से कपड़े नहीं धोने चाहिए
  • कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ को जल में नहीं बहाना चाहिए
  • गांवों तथा कस्बों में शौचालय की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाना चाहिए
  • कीटनाशक पदार्थों का प्रयोग कम से कम किया जाना चाहिए जिसके फलस्वरूप भूमिगत जल सुरक्षित किया जा सके

जल प्रदूषण की समस्या से शुद्ध जल की मात्रा में काफी कमी आई है इसके लिए जरूरी है कि हमें जल प्रदूषण के कारणों पर विचार करने की आवश्यकता है और सही दिशा में कार्य करने से ही इस समस्या से निजात पाया जा सकता है

3) मृदा प्रदूषण क्या है – Soil Pollution in Hindi

मनुष्य की विविध गतिविधियों अथवा भूमि के दुरुपयोग द्वारा मिट्टी के भौतिक, रासायनिक व जैविक स्थितियों में बदलाव जिसके कारण मिट्टी की गुणवत्ता और उर्वरता में क्षरण हो जाए, भू-प्रदूषण या मृदा प्रदूषण कहलाता है

मृदा प्रदूषण विभिन्न प्रकार से हो सकता है जैसे मिट्टी में रहने वाले सूक्ष्म जीवों में कमी तथा अत्यधिक उतार-चढ़ाव, मिट्टी में धातु-अधातु और कीटनाशक पदार्थ मिलने से, पेड़ों की कमी के कारण भी मृदा प्रदूषण होता है

मृदा प्रदूषण होने से मिट्टी की उर्वरता क्षमता बहुत कम हो जाती है जिसके फलस्वरूप मिट्टी वनस्पति एवं फसलों को प्रभावित करती है. उदाहरण के तौर पर समझाऊं तो हम सभी मनुष्य विभिन्न फसलों पर निर्भर रहते हैं

यदि मिट्टी की उर्वरता क्षमता कम होगी तो फसल में पोषक तत्वों की भारी कमी तथा छिड़काव के दौरान उपयोग रासायनिक तत्वों की अधिक मात्रा होगी. हम यदि इस प्रकार की फसल को खाते हैं तो हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां जन्म ले सकती है

मृदा प्रदूषण को कम करने के कुछ उपाय

  • खाद के रूप में हमें रासायनिक कीटनाशक पदार्थों का कम मात्रा में प्रयोग कर गोबर, जैविक खाद आदि का अधिक प्रयोग करना होगा
  • वृक्षारोपण की ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि पेड़ मिट्टी को जकड़े रखते हैं
  • प्लास्टिक से बनी चीजों को मिट्टी से दूर रखने की आवश्यकता है क्योंकि प्लास्टिक कई सालों तक नष्ट नहीं होता और मृदा प्रदूषण का कारण बनता है

समय के साथ-साथ मृदा प्रदूषण भी एक बहुत बड़ी समस्या बनता जा रहा है जिसने की जीवन को प्रभावित किया है. इससे बचाव के लिए वृक्षारोपण अति आवश्यक है. यदि मृदा प्रदूषण के बारे में आप और जानना चाहते हैं तो मृदा प्रदूषण पर निबंध जरूर पढ़िए

4) ध्वनि प्रदूषण क्या है – Noise Pollution in Hindi

एक सीमा से अधिक ध्वनि कानों को अच्छी नहीं लगती तथा कुप्रभाव मानव के स्वास्थ्य पर डालती है ऐसी कर्कश ध्वनि को प्रदूषित ध्वनि कहते हैं तथा इस ध्वनि से जो प्रदूषण होता है उसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं

सामान्यतः 90 डेसीबल से अधिक ध्वनि, प्रदूषित ध्वनि होती है. ध्वनि प्रदूषण के विभिन्न कारण होते हैं जैसे कि कारखानों में चलने वाली मशीनों का शोर, वाहनों से उत्पन्न ध्वनि, टीवी, म्यूजिक सिस्टम, लाउड स्पीकर और जनरेटर से उत्पन शोर इत्यादि

ध्वनि प्रदूषण को कम करने के कुछ उपाय

  • अधिक से अधिक वृक्षारोपण करके ध्वनि प्रदूषण को कम किया जा सकता है क्योंकि पेड़ ध्वनि को फिल्टर करने में सहायक होते हैं
  • वाहनों में साइलेंसर का प्रयोग करके ध्वनि प्रदूषण कम हो सकता है
  • वाहनों के तेज प्रेशर वाले हॉर्न पर रोक लगनी चाहिए
  • लाउडस्पीकर, डीजे आदि का प्रयोग आवश्यकता अनुसार तथा कम ही करना चाहिए

ध्वनि प्रदूषण के कारण लोगों में चिड़चिड़ापन तथा कई लोगों में सुनने की क्षमता में कमी को देखा गया है इसीलिए ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करना आवश्यक हो गया है. यदि आप ध्वनि प्रदूषण के बारे में और डिटेल में पढ़ना चाहते हैं तो आप मेरे द्वारा लिखे गए ध्वनि प्रदूषण पर निबंध को पढ़ सकते हैं

5) रेडियोधर्मी प्रदूषण क्या है – Radioactive Pollution in Hindi

रेडियोधर्मी पदार्थों की क्रियाशीलता से हुये प्रदूषण को रेडियोधर्मी प्रदूषण कहते हैं. रेडियोधर्मी तत्व – यूरेनियम, थोरियम स्वयं विघटित हो जाते हैं जिससे ऊर्जा का विमोचन होता है परमाणु शक्ति का यही आधार है और इसके चलते हमारा पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है

रेडियोधर्मी प्रदूषण का एक उदाहरण जापान के हिरोशिमा तथा नागासाकी में परमाणु बम विस्फोट है जिसका प्रभाव आज तक वहां है. रेडियोधर्मी प्रदूषण का प्रभाव धीरे-धीरे कई वर्षों में लखवा, गूंगापन, बहरापन आदि से देखा जा सकता है

रेडियोधर्मी प्रदूषण को कम करने के कुछ उपाय

  • परमाणु बमों के उत्पादन तथा प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना होगा
  • मानव के प्रयोग उपकरणों को रेडियोधर्मिता से मुक्त किया जाना चाहिए
  • रेडियोएक्टिव अपशिष्ट को सही ढंग से समाप्त किया जाना चाहिए

दुनिया में हुए विभिन्न परमाणु परीक्षणों के कारण रेडियोधर्मी प्रदूषण अधिक मात्रा में बढ़ा है जिसने की पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाया है. अगर यही हाल रहा तो जल्द ही पूरी दुनिया समाप्त हो जाएगी इसीलिए रेडियोधर्मी प्रदूषण को नियंत्रित करना ही होगा. रेडियोधर्मी प्रदूषण पर निबंध आप पढ़ सकते हैं जिससे कि आपको और अधिक जानकारी मिलेगी

6) ऊष्मीय प्रदूषण क्या है – Thermal Pollution in Hindi

मानवीय गतिविधियों से प्राकृतिक जल स्रोतों जैसे कि नदियों, झीलों और समुद्रों आदि के तापमान में वृद्धि होना ऊष्मीय प्रदूषण कहलाता है जिसके फलस्वरूप जलीय पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन पर बुरा प्रभाव पड़ता है

ऊष्मीय प्रदूषण के परिणाम स्वरूप पानी में ऑक्सीजन की कमी, एंजाइम गतिविधि, ठंडे पानी की कमी, पानी के भौतिक और रासायनिक गुण में बदलाव, रोगजनक सूक्ष्मजीवों की वृद्धि और जलीय प्रजातियों के अस्तित्वा को खतरा जैसी समस्याए पैदा हो रही है

ऊष्मीय प्रदूषण को कम करने के कुछ उपाय

  • समुद्र के भीतर भूमिगत परमाणु परीक्षणों पर सभी देशों में प्रतिबन्ध लगाया जाना चाहिए
  • परमाणु संयन्त्रों से रिसाव न हो ऐसे उपाय किये जाने चाहिये
  • कैंसर आदि के उपचार में प्रयुक्त होने वाले रेडियोधर्मी पदार्थों का उपयोग पूरी साधानीपूर्वक सुरक्षित रूप से किया जाना चाहिये

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रदूषण के कौन-कौन से प्रकार होते है ?

प्रदूषण मुख्यतः 6 प्रकार होते है जोकि वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, रेडियोधर्मी प्रदूषण और  ऊष्मीय प्रदूषण है

हम प्रदूषण को कम करने के लिए क्या करें ?

हम प्रदूषण को कम करने के लिए वृक्षारोपण कर सकते है और लोगों को प्रदूषण के बारे में जानकारी देकर इसे कम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते है

संक्षेप में

दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको प्रदूषण किसे कहते हैं – What is Pollution in Hindi पर यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी. अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिएगा

नई नई जानकारियों को जानने के लिए MDS Blog के साथ जुड़िए जहां की आपको कई तरह की शिक्षात्मक जानकारियां दी जाती है MDS Blog पर यह पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !

यह पोस्ट कितनी उपयोगी थी ?

Average rating / 5. Vote count:

अब तक कोई वोट नहीं, इस पोस्ट को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें

MDS Thanks 😃

पोस्ट अच्छी लगी तो सोशल मीडिया पर हमें फॉलो करें

हमें खेद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी नहीं थी !

हमें बताएं कि हम इस पोस्ट को कैसे बेहतर बना सकते हैं ?

Related Articles

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Please allow ads on our site !

Looks like you're using an ad blocker. We rely on advertising to help fund our site.