दोस्त क्या आप भी जानना चाहते हैं प्रकाश किसे कहते हैं (What is Light in Hindi) और प्रकाश के गुण तो आज की इस पोस्ट को खासकर मैंने आप जैसे इच्छुक लोगों के लिए ही लिखा है
नमस्कार दोस्तों MDS BLOG में आपका स्वागत है. दोस्तों आज इस दुनिया में किसी भी वस्तु को देख पाना प्रकाश की वजह से ही हमारे लिये सम्भव है. हर वस्तु जिसे हम अभी देख रहे है प्रकाश की उसमें अहम भूमिका है
ऐसे में दिमाग में सवाल बार-बार आता है कि आखिर प्रकाश क्या है यार? यह प्रश्न कई बार हमारे मन में उठता है. तो आइए आज की इस पोस्ट में हम इसी बात पर पूर्णता चर्चा करेंगे और जानेंगे प्रकाश यानी लाइट क्या है?
प्रकाश किसे कहते हैं ?
वह विकिरण जो हमारी आंखों को संवेदित करती है प्रकाश कहलाती है. प्रकाश ऊर्जा का वह प्रकार है जिसकी सहायता से हम वस्तुओं को देख पाते हैं. दोस्त आपने देखा होगा अंधेरे कमरे में हमें कोई भी वस्तु दिखाई नही देती है लेकिन जैसे ही बल्ब या मोमबत्ती जलती है तो कमरे की सारी वस्तुए हमें स्पष्ट दिखाई देती है. अब देखो ऐसा क्यों होता है?
प्रकाश ऊर्जा का वह प्रकार है जिसकी सहायता से हम वस्तु को आसानी से देख पाते हैं. अब अंधेरे में रखी हुई वस्तुएं हमें नहीं दिखाई देती जैसे ही बल्ब या मोमबत्ती जलती है तो वह प्रकाश उत्पन्न करती है और यह प्रकाश वस्तु पर आपतित होता है यानी जो प्रकाश बल्ब या मोमबत्ती द्वारा उत्पन्न होता है सबसे पहले वह वस्तु पर पड़ता है और वस्तु से परावर्तित होकर हमारी आंखों पर पड़ता है
यानी यूं कहूं कि वस्तु पर प्रकाश आपतित होता है. आपतित होने का मतलब वस्तु पर पड़ता है और वस्तु से परावर्तित होकर यानी वस्तु से टकराकर वापस हमारी आंखों पर पड़ता है जिसके कारण वस्तुएं स्पष्ट दिखाई देने लगती है
दोस्त मैं आपको बता दूं प्रकाश स्वयं नहीं दिखाई देता लेकिन वस्तुओं को देखने में हमारी सहायता करता है. प्रकाश विद्युत चुंबकीय तरंगों के रूप में गति करता है और निर्वात में प्रकाश की चाल 3×108 मीटर प्रति सेकंड होती है तथा विज्ञान में प्रकाश और इसके गुणों का जिस शाखा के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है उसे प्रकाशिकी कहा जाता है
अगर वैज्ञानिक भाषा में इसे समझा जाए तो प्रकाश विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम का हिस्सा है जो रेडियो तरंगों से लेकर गामा किरणों तक होता है. विद्युत चुम्बकीय विकिरण तरंगें जैसा कि नाम से पता चलता है कि विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र में उतार-चढ़ाव करने वाली तरंगे जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर ऊर्जा का परिवहन कर सकते हैं प्रकाश तरंग होती है
फोटॉन, ऊर्जा की सबसे छोटी मात्रा है जिसे ले जाया जा सकता है और यह अहसास था कि प्रकाश असतत Quantum में यात्रा करता है जो Quantum सिद्धांत की उत्पत्ति थी. पदार्थ परमाणुओं, आयनों या अणुओं से बना होता है और पदार्थ के साथ प्रकाश की confabulation है जो विभिन्न घटनाओं को जन्म देता है जो हमें पदार्थ की प्रकृति को समझने में मदद कर सकता है
परमाणुओं, आयनों या अणुओं ने ऊर्जा के स्तर को परिभाषित किया है जो आमतौर पर ऊर्जा के स्तर से जुड़े होते हैं जो कि इलेक्ट्रॉनों को पकड़ सकते हैं. प्रकाश, पदार्थ द्वारा उत्पन्न किया जा सकता है या प्रकाश का एक फोटॉन ऊर्जा के स्तर के साथ कई तरीकों से confabulation कर सकता है
दोस्तों अभी तक प्रकाश के बारे में जो भी जानकारी आपको दी गई यह साइंस पोर्शन की भाषा में दी गई है. अगर इसे साधारण शब्दों में जाने तो प्रकाश की परिभाषा निम्न प्रकार है –
प्रकाश की परिभाषा
प्रकाश यानी कि Light एक प्रकार की ऊर्जा होती है जो कि हमारी आंखों को संवेदित करती है. प्रकाश किसी ऊर्जा स्रोत से निकलकर पहले वस्तु पर पड़ता है और फिर वस्तु से लौटकर हमारी आंखों को संवेदित करके वस्तु की पहचान हमें कराता है
आपकी जानकारी के लिए बता दें जुगनू जैसे प्राणी जो कि प्रकाश को स्वयं उत्पन्न करते हैं तो उनके द्वारा उत्पन्न किए गए प्रकाश को जैन प्रकाश कहा जाता है और मोमबत्ती, बल्ब और माचिस यह कृत्रिम प्रकाश के स्रोत है
विभिन्न माध्यमों में प्रकाश की चाल
माध्यम | प्रकाश की चाल (मीटर/सेकण्ड) |
निर्वात | 3.00×108 |
पानी | 2.25×108 |
कांच | 2.00×108 |
रॉक साल्ट | 1.96×108 |
नाइलोन | 1.96×1086 |
तारपीन का तेल | 2.04×108 |
प्रकाश किरण किसे कहते हैं ?
किसी समांग माध्यम में प्रकाश एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक जिस ऋजुरेखीय मार्ग से होकर जाता है उसे प्रकाश की किरण (Ray of light) कहते हैं. एक ही दिशा में जाने वाले प्रकाश किरण के समूह को प्रकाश किरण पुंज कहते हैं. प्रकाश किरण पुंज को तीन भागों में बांटा गया है
- अभिसारी
- अपसारी
- समांतर
अभिसारी
यदि आपतित प्रकाश की सभी किरणें एक बिन्दु पर मिलती हो तो उसे अभिसारी प्रकाश किरण पुंज कहते हैं
अपसारी
यदि प्रकाश की सभी किरणें किसी एक बिन्दु से आती हुई प्रतीत हो रही हैं तो उसे अपसारी प्रकाश किरण पुंज कहते हैं
समांतर
यदि प्रकाश की सभी किरणें आपस में कभी न मिलती हों और सदैव एक दूसरे के समान्तर रहती हो तो उसे समान्तर किरण पुंज कहते हैं
प्रकाश का फोटोन सिद्धांत
“प्रकाश ऊर्जा के छोटे-छोटे पैकेट हो या बण्डलों के रूप में चलता है जिन्हें फोटन कहा जाता है. प्रकाश को कुछ घटनाओं में तरंग और कुछ घटनाओं में कण के रूप में माना जा सकता है इसी को प्रकाश की दोहरी प्रकृति भी कहा जाता है” रोमन ने सर्वप्रथम प्रकाश के वेग की गणना की थी. वायु और निर्वात में प्रकाश की चाल सबसे अधिक होती है
प्रकाश के गुण
दोस्तों प्रकाश क्या है इसके बारे में आपको जानकारी मिल गई होगी. अब हम प्रकाश के गुण क्या है इस पर चर्चा करेंगे तो आइए जानते हैं
- प्रकाश साधारण रूप से सरल रेखा में ही गमन करता है
- प्रकाश विद्युत चुंबकीय विकिरण के रूप में चलता है
- अधिक चमकदार पृष्ठों से प्रकाश परिवर्तित होता है
- प्रकाश में परावर्तन तथा अपवर्तन दोनों गुण पाए जाते हैं
- प्रकाश स्वयं अदृश्य है लेकिन इसकी सहायता से हमें वस्तु की स्थिति और उपस्थिति दोनों का ही पता चलता है
- प्रकाश के संचरण के लिए किसी भी प्रकार के माध्यम की आवश्यकता नहीं होती आपकी जानकारी के लिए बता दें प्रकाश निर्वात में भी गमन कर सकता है
- जब प्रकाश अपने किसी एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करता है तो प्रकाश अपने पथ से विचलित हो जाता है जिस कारण अपवर्तन की घटना होती है
- विभिन्न माध्यमों में प्रकाश की चाल भिन्न प्रकार की हो सकती है निर्वात में इसकी चाल 3×108 मीटर/सेकण्ड होती है
- प्रकाश पारदर्शी माध्यम से आसानी से गुजर सकता है लेकिन अपारदर्शी माध्यम से प्रकाश नहीं गुजर सकता है
प्रकाश का परावर्तन नियम क्या है ?
प्रकाश के परावर्तन का नियम कुछ इस प्रकार है कि- “जब भी कोई प्रकाश किरण किसी उर्जा स्रोत से निकल कर किसी चमकदार सतह से टकराती है तो वह उसी माध्यम में वापस लौट आती है इसे ही प्रकाश का परावर्तन कहा जाता है”
प्रकाश का अपवर्तन नियम क्या है ?
प्रकाश के अपवर्तन का नियम कुछ इस प्रकार है कि- “जब प्रकाश की कोई किरण किसी विरल माध्यम से किसी सघन माध्यम में प्रवेश करती है तो वो किरण अपने मार्ग से विचलित हो जाती है इसे ही प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं”
FAQ’s – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रकाश की चाल कितने किलोमीटर होती है?
प्रकाश की चाल निर्वात में 299,792.458 किलोमीटर प्रति सेकंड यानी 3 लाख किमी/सेकंड होती है
वायु में प्रकाश की चाल कितनी होती है?
वायु में प्रकाश की चाल 3×108 मीटर/सेकण्ड होती है
निर्वात में प्रकाश की चाल क्या होगी?
निर्वात में प्रकाश की चाल 299,792.458 मीटर प्रति सेकेण्ड है जिसे प्राय: 3 लाख किमी/सेकंड आका जाता है
प्रकाश से आप क्या समझते हैं?
प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा होती है जो कि हमारी आंखों को संवेदित करती है. प्रकाश किसी ऊर्जा स्रोत से निकलकर पहले वस्तु पर पड़ता है और फिर वस्तु से लौटकर हमारी आंखों को संवेदित करके वस्तु की पहचान हमें कराता है
फोटॉन की खोज किसने की?
फोटॉन की खोज महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने 1915 में की थी
सूर्य से प्रकाश कितने समय में पृथ्वी पर पहुंचता है?
सूर्य से प्रकाश पृथ्वी पर पहुंचने में 8 मिनट 19 सेकंड या 499 सेकंड का समय लगता है
चंद्रमा से परावर्तित प्रकाश पृथ्वी पर कितने समय में पहुंचता है?
चंद्रमा से परावर्तित प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में 1.3 सेकंड का समय लगता है
Read More ⇓
- प्रकाश विद्युत प्रभाव क्या है और इसके नियम
- घर्षण क्या है इसकी परिभाषा और लाभ तथा हानि
- गति के नियम उदाहरण सहित
- टिंडल प्रभाव क्या है और इसकी परिभाषा
संक्षेप में (Prakash Kya Hai)
दोस्तों उम्मीद है आपको बताई गई जानकारी प्रकाश किसे कहते हैं (What is Light in Hindi) और प्रकाश के गुण, प्रकाश का परावर्तन, प्रकाश का अपवर्तन तथा प्रकाश का फोटोन सिद्धांत यह जानकारी जरुर पसंद आई होगी
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प्रकाश के बारे में अच्छी जानकारी देने के लिए आपका धन्यवाद सर
Very nice bhai
Dhanyawad sir