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Home Hindi Essay

प्राकृतिक आपदा पर निबंध

Sachin Sajwan by Sachin Sajwan
in Hindi Essay

दोस्तों क्या आप प्राकृतिक आपदा पर निबंध – Essay on Natural disaster in Hindi खोज रहे हैं. तो आज कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी होगी. इस पोस्ट में मैंने आपको प्राकृतिक आपदा पर निबंध कैसे लिखा जाए इसके बारे में बताया है. चलिए बिना देरी करें प्राकृतिक आपदा पर निबंध की शुरुआत करते हैं

पाठ्यक्रम show
प्राकृतिक आपदा पर निबंध – Essay on Natural disaster
प्रस्तावना
प्राकृतिक आपदाएँ
प्राकृतिक आपदाओं के लिए जिम्मेदार मनुष्य
प्राकृतिक आपदाओं के प्रकार
प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली हानियाँ
आपदा पूर्व बचाव
उपसंहार

प्राकृतिक आपदा पर निबंध – Essay on Natural disaster

प्राकृतिक आपदा पर निबंध (Essay on Natural disaster in Hindi)

प्रस्तावना

आपदा प्राकृतिक एवं मानवीय प्रक्रियाओं द्वारा उत्पन्न वह स्थिति है जो व्यापक रूप से मनुष्य एवं अन्य जीव-जंतुओं की सामान्य जीवनचर्या में भारी व्यवधान डालती है इसके कारण सम्पत्ति की भारी क्षति ही नहीं होती, बल्कि अनेक लोग काल-कवलित हो जाते है

प्राकृतिक आपदाएँ

प्राकृतिक रूप से घटित वे सभी आकस्मिक घटनाएँ जो प्रलयकारी रूप धारण कर मानवसहित संपूर्ण जैव-जगत के लिए विनाशकारी स्थिति उत्पन्न कर देती है प्राकृतिक आपदाएँ कहलाती है

प्राकृतिक आपदाएँ कभी-कभी इतनी स्वरित या आकस्मिक होती हैं कि इनसे सँभल पाना कठिन हो जाता है. जब इनका प्रभाव विस्तृत या क्षेत्रीय होता है तो समूचा राष्ट्र आक्रांत हो जाता है

पर्यावरण में ऐसी घटनाएँ प्रकृति की सामान्य परिवर्तनशील प्रक्रियाओं से उत्पन्न होती हैं किन्तु कभी-कभी इनकी तीव्रता एवं गहनता इतनी अधिक होती है कि सुरक्षा का अवसर ही प्राप्त नहीं होता यहीं पर आकर मनुष्य प्रकृति के समक्ष बौना बन जाता है

प्राकृतिक आपदाओं के लिए जिम्मेदार मनुष्य

आपदाओं की तीव्रता या गहनता में मनुष्य की क्रियाएँ भी सहायक है. वन-विनाश जैसी मौसमी घटनाओं की उम्रता इसका प्रबल प्रमाण है जिसके प्रभाव से जलवायु असंतुलन, बाढ़, सूखा, पू-क्षरण एवं भू-सखलन जैसी आपदाओं में वृद्धि देखी जा रही है

हम जानते हैं कि पर्यावरण के जैव अजैव घटक प्राकृतिक नियमों से बँधे हैं. इन्हीं नियमों से ये अपने सम्बन्ध संतुलित रखते हैं किन्तु वर्तमान भौतिकवादी युग में मनुष्य की अनुक्रियाओं ने इन सम्बन्धों में व्यवधान उत्पन्न कर दिया है. आपदाएँ इन्हीं खंडित सम्बन्धो की प्रतिक्रियाएँ हैं

प्राकृतिक आपदाओं के प्रकार

प्राकृतिक आपदाओं के लिए उत्तरदायो अंतर्जात एवं बहिर्जात शक्तियों को कार्य-शैली एवं इनसे उत्पन्न विभिन्न प्राकृतिक आपदाएँ निम्नलिखित है.

अंतर्जात आपदाएँ – भूपटल से सम्बन्धित आपदाए जैसे- भूकंप, ज्वालामुखी, भू-स्खलन तथा हिमस्खलन आदि की उत्पत्ति पृथ्वी की अंतर्जात शक्ति के कारण होती है इसलिए इन्हें अंतर्जात आपदाएं कहा जाता है

बहिर्जात आपदाएँ – बहिर्जात आपदाओं का सम्बन्ध वायुमंडल से होता है इसलिए इन्हें वायुमंडलीय आपदाएँ भी कहते है ये आपदाएँ चक्रवातीय तूफान, प्रचंड तूफान, बादल फटना, आकाशीय विद्युत का गिरना आदि है

प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली हानियाँ

प्राकृतिक आपदाओं को “सभ्यता का शत्रु” कहा जाता है. कई सभ्यताएँ जैसे हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो, बेबीलोन तथा नील नदी घाटी आदि आज इतिहास की विषय-वस्तु बन गई हैं

प्राकृतिक आपदाओं के कारण पर्यावरणीय समस्याएँ प्रचुरता से उत्पन्न होती हैं. ऐसी घटनाओं से होने वाली हानि इतनी भयंकर होती है कि सारे वैज्ञानिक और उच्च तकनीकी विकास के होते हुए भी मनुष्य स्वयं को इनके समक्ष असहाय अनुभव करता है

आपदा पूर्व बचाव

आपदा-पूर्व बचाव का अर्थ किसी आपदा या विपत्ति से होने वाले जोखिम को कम करने का पूर्व प्रयास है. इसके अंतर्गत आपदा का सामना करने की पूर्ण तैयारी, जनजागरूकता और आपदा न्यूनीकरण के उपायों हेतु रणनीति बनाई जाती है

पूर्व तैयारी में आपदा प्रभावित क्षेत्रों की पहचान एवं जोखिम का मूल्यांकन और प्रभाव का अनुमान लगाया जाता है फिर इसके आधार पर अन्य तैयारी की रूपरेखा बनाई जाती है

इसमें पूर्व सूचना प्रणाली को विकसित करना, संसाधन प्रबंधन पर ध्यान देते रहना और सहायता के लिए अभ्यास करते रहना आवश्यक है. इस प्रकार पूर्व तैयारियों के लिए सामुदायिक सहयोग और पहल की आवश्यकता है जिसे मानव समुदाय में जागरूकता के द्वारा पूरा किया जा सकता है.

जागरूकता के अंतर्गत पर्यावरण की सुरक्षा और जोखिम प्रावधान के रणकौशलों का व्यापक प्रचार एवं वित्तीय योगदान तथा बीमा अर्थात् जोखिम का स्थानांतरण आदि पक्षों पर भी ध्यान दिया जाता है. इस प्रकार आपदा पूर्व बचाव में समुदाय एवं सम्बन्धित संस्थाएँ परस्पर सम्बन्ध स्थापित कर जनसमुदाय के सदस्यों को आपदा का सामना करने के योग्य बनाने का प्रयास करती हैं

उपसंहार

प्राकृतिक आपदा एक प्राकृतिक घटना है, जिसका परिणाम व्यापक मानव क्षति है. इसके साथ ही एक सुनिश्चित क्षेत्र में आजीविका तथा संपत्ति की हानि होती है जिसकी परिणति मानवीय वेदना तथा कष्टों में होती है. हमें प्रकृति की शरण ग्रहण करनी चाहिए और प्राकृतिक संतुलन को बनाने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए

Read More – 

  • जल पर निबंध
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध
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संक्षेप में

दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको प्राकृतिक आपदा पर निबंध – Essay on Natural disaster in Hindi अच्छा लगा होगा. अगर आपको यह निबंध पसंद आया है तो इसे जरूर शेयर कीजिएगा अगर आप ऐसी जानकारियां में रुचि रखते हैं MDS BLOG के साथ जरूर जुड़िए जहां कि आपको कई तरह की अच्छी अच्छी जानकारी दी जाती है जो कि आपके लिए उपयोगी होती है. MDS BLOG यह पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

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