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प्रिंटर क्या है इसके प्रकार और उपयोग

Sachin Sajwan by Sachin Sajwan
in Informative

हम सभी ने स्कूलों, कॉलेजों, घरों, दफ्तरों या बाजार में कई दुकानों में प्रिंटर को जरूर देखा होगा या इसे कभी उपयोग में जरूर लिया होगा. क्या कभी सोचा है कि आखिर यह प्रिंटर क्या है – What is Printer in Hindi और मुख्यतः कितने प्रकार के होते हैं?

यदि आप कंप्यूटर क्षेत्र से संबंधित जानकारी रखते हैं तो आपने प्रिंटर का नाम जरूर सुना होगा. आप ने देखा होगा कि जब भी आप बाजार में फोटोकॉपी कराने या फिर अपनी फोटो निकालने जाते हैं तो प्रिंटर ही आपको फोटो कॉपी करके देता है या फोटो निकाल कर देता है

तो क्या कभी सोचा है कि प्रिंटर यह कमाल कैसे कर पाता है जोकि हमें हूबहू किसी भी डॉक्यूमेंट की कॉपी करके दे देता है. तो आज मैं आपको सरल भाषा में प्रिंटर के बारे में जानकारी देने वाला हूं. तो आइए जानते हैं

पाठ्यक्रम show
प्रिंटर क्या है – What is Printer in Hindi
प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं ?
1. इम्पैक्ट प्रिंटर क्या है ?
• डॉट-मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot-matrix Printer)
• डेज़ी-व्हील प्रिंटर (Daisy-Wheel Printer)
• ड्रम प्रिंटर (Drum Printer)
• लाइन प्रिंटर (Line Printer)
• चैन प्रिंटर (Chain Printer)
2. नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर क्या है ?
• इंकजेट प्रिंटर (Inkjet Printer)
• लेजर प्रिंटर (Laser Printer)
प्रिंटर के उपयोग क्या-क्या है ?
प्रिंटर का उपयोग क्यों किया जाता है ?
प्रिंटर कौन सी डिवाइस है ?

प्रिंटर क्या है – What is Printer in Hindi

Printer in Hindi

प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस होती है इसका प्रयोग कंप्‍यूटर के डेटा की हार्डकॉपी बनाने के लिये किया जाता है. की-बोर्ड, माउस के बाद प्रिंटर ही एक ऐसा डिवाइस है जिसका इस्‍तेमाल सबसे अधिक किया जाता है

ऑफिस, घरों और व्‍यावसायिक प्रतिष्‍ठानों पर प्रिंटर का उपयोग चिञ, ऑफिस डाक्‍यूमेंट को प्रिंट करने के लिये किया जाता है. साधारण तौर पर प्रिंटर कंप्‍यूटर के साथ एक डाटा केबल से जुडा रहता है और किसी भी एप्‍लीकेशन से Ctrl+P कमांड देने पर वह आपको प्रिंट दे देता है

लेकिन अब प्रिंटर के साथ नई तकनीकों का प्रयोग किया जाता है जिसमें वायरलैस प्रिंटिग मुख्‍य है. इसमें प्रिंटर को वाई-फाई और क्‍लाउड से जोडा जाता है. जिससे दूर बैठे ही आप प्रिंटर को कमाण्‍ड दे सकते हैं. क्‍लाउड तकनीक से आप मोबाइल से भी प्रिंटर को कमाण्‍ड दे सकते हैं और प्रिंट निकाल सकते हैं

प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं ?

अब हम प्रिंटर के प्रकारों की बात करेंगे. दोस्तो आप ने देखा होगा कि बाजार में हर दुकान में लगभग अलग-अलग प्रिंटर होते हैं यानी कि सभी प्रिंटर एक जैसे नहीं होते

अब जब सभी प्रिंटर एक जैसे नहीं होते तो उनकी कार्यशैली भी अलग-अलग होती है. दोस्तों वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे प्रिंटर के कई सारे प्रकार है

प्रिंटर की दो मुख्य Impact Printer और Non-impact Printer कैटेगरी है और उस कैटेगरी के Under ही प्रिंटर के अन्य प्रिंटर भाग है

Printer CategoryPrinter Examples
Impact Printer
1. Dot-matrix Printer
2. Daisy-Wheel Printer
3. Drum Printer
4. Line Printer
5. Chain Printer
Non-impact Printer1. Inkjet Printer
2. Laser Printer

1. इम्पैक्ट प्रिंटर क्या है ?

एक इम्पैक्ट प्रिंटर एक प्रकार का प्रिंटर है. जो कागज के साथ एक स्याही रिबन के सीधे संपर्क द्वारा काम करता है. एक धातु या प्लास्टिक का सिरा स्याही रिबन से टकराता है. जिससे रिबन को कागज पर दबाया जाता है और वांछित चरित्र पत्र, अंक, बिंदु, रेखा आदि को शीट पर छापा जाता है. इम्पैक्ट-प्रिंटर के उदाहरण प्रिंटर निम्न है

  • डॉट-मैट्रिक्स प्रिंटर
  • डेज़ी-व्हील प्रिंटर
  • ड्रम प्रिंटर
  • लाइन प्रिंटर
  • चैन प्रिंटर

• डॉट-मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot-matrix Printer)

डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर धीमी गति का इम्पैक्ट प्रिंटर है. डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक बार में एक कैरेक्टर प्रिंट करता है. डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में एक हेड होता है जो बायें से दायें व् दायें से बायें घूमता है. इसके प्रिंटर हेड में कुछ छोटे छोटे हथौड़े होते हैं. जो स्याही लगे रिबन पर प्रहार कर कैरेक्टर उभारते हैं

कार्बन की सहायता से एक बार में कई प्रतियां निकली जा सकती हैँ. डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का प्रारंभिक मूल्य और प्रति कॉपी ख़र्च कम होता है पर प्रिंट की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती है. डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का उपयोग वर्तमान में काफी कम हो गया है. मुख्यता बैंकों तथा रेस्टोरेंट्स में प्रिंटिंग के लिए ही इनका अब उपयोग होता है

• डेज़ी-व्हील प्रिंटर (Daisy-Wheel Printer)

डेज़ी व्हील प्रिंटर का आविष्कार 1969 में हुआ था. इस प्रिंटर में डेज़ी के फूल के सामान एक गोल पहियानुमा संरचना होती है. यह प्रिंटर बॉल-हेड टाइपराइटर के सिद्धांत पर ही काम करता है. डेज़ी व्हील का चक्र प्लास्टिक अथवा मेटल का बना होता है. जिसके बाहरी किनारे पर शब्द होते है

एक शब्द को प्रिंट करने के लिए, प्रिंटर चक्र को तब तक घुमाता है जब तक की वो अक्षर पेपर के सम्मुख न आ जाये. इसके पश्चात एक हथोड़े से चक्र पर प्रहार किया जता है. इस बलपूर्वक प्रहार से चक्र पर बना शब्द स्याही युक्त रिब्बन पर दबाव डालता है और अक्षर कागज़ पर मुद्रित हो जाता है. डेज़ी व्हील प्रिंटर से चित्रों को प्रिंट नहीं किया जा सकता है. डेज़ी व्हील प्रिंटर 10 से 75 अक्षर प्रति सेकंड प्रिंट कर सकता है

• ड्रम प्रिंटर (Drum Printer)

जैसा की नाम से ही स्पष्ट है की इस प्रिंटर को ड्रम प्रिंटर कहा जाता है. क्योंकि इसका आकार ड्रम के समान ही होता है. ड्रम की सतह पटरियों में विभाजित होती है तथा इन सतहों पर अक्षर मुद्रित होते है. प्रिंट करने के लिए ड्रम तेज गति से घूमता है. प्रत्येक प्रिंट पोजीशन के विपरीत पेपर के पीछे एक प्रिंट हथौड़ा होता है

इस हथोड़े से कागज पर, स्याही युक्त रिब्बन के साथ जो भी अक्षर प्रिंट करना होता है उस पर चोट की जाती है. प्रत्येक लाइन को प्रिंट करने के लिए ड्रम का एक चक्कर लगता है अर्थात एक लाइन में अक्षर एक साथ प्रिंट नहीं होते है. परन्तु यह सब इतनी गति से होता है की इसे लाइन प्रिंटर की श्रेणी में ही रखा जाता है. ड्रम प्रिंटर की औसतन गति 300 से 2000 लाइन्स प्रति मिनट होती है

• लाइन प्रिंटर (Line Printer)

लाइन प्रिंटर इसे आप इस प्रकार समझें कि यह एक ऐसा प्रिंटर है जोकि पूरी लाइन को प्रिंट कर सकता है एक अक्षर के बजाय, इसीलिए इसे लाइन प्रिंटर नाम दिया गया है. लाइन प्रिंटर की मदद से बड़े से बड़े डॉक्यूमेंट को काफी जल्दी प्रिंट किया जाना संभव है

यह एक प्रकार का इंपैक्ट प्रिंटर है जिसमें की बहुत सारे हथोड़े लगे होते हैं जो स्याही युक्त रिबन से एक साथ टकराकर एक पूरी लाइन को प्रिंट कर देते हैं. आधुनिक युग में इस प्रिंटर का उपयोग ज्यादा नहीं किया जाता क्योंकि बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ इंक-जेट प्रिंटर ने इनकी जगह घेर ली है

• चैन प्रिंटर (Chain Printer)

यह भी एक प्रकार का इंपैक्ट प्रिंटर होता है जिसमें की एक चैन लगी होती है जोकि बहुत तेज गति से घूमती है जिसे प्रिंट चैन कहा जाता है. इस चैन पर सारे अक्षर छपे होते हैं और बहुत सारे छोटे-छोटे हथौड़े लगे होते हैं

जब भी कोई डेटा सीपीयू से प्रिंटर के पास आता है तो सबसे पहले प्रिंटर में लगी चैन घूमने लगती है और जिस अक्षर को प्रिंट करना होता है हथौड़े की चोट प्रिंट चैन के उस अक्षर पर मारी जाती है जिसके फलस्वरूप कागज पर अक्षर प्रिंट हो जाता है. यह प्रिंटर भी लाइन प्रिंटर की भांति एक पूरी लाइन को प्रिंट एक ही समय में कर देता है

2. नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर क्या है ?

दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें Non-impact Printer में प्रिंट लेजर प्रिंटिंग के माध्यम से की जाती है यानी कि प्रिंट हेड और कागज का एक दूसरे से संबंध सीधी तरीके से नहीं होता है. इस प्रिंटिंग की क्वालिटी बहुत अच्छी होती है

आधुनिक युग में ज्यादातर इन्हीं प्रिंटर का उपयोग किया जाता है. इन प्रिंटर में छपाई के लिए स्प्रे व अन्य इलेक्ट्रॉनिक तकनीक का प्रयोग किया जाता है. नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर के उदाहरण निम्नलिखित है

  • इंक-जेट प्रिंटर
  • लेज़र प्रिंटर

• इंकजेट प्रिंटर (Inkjet Printer)

इंकजेट प्रिंटर एक नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर है. जिसमे स्याही की बॉटल रखी जाती है. इंकजेट प्रिंटर में एक प्रिंट हेड होता है. जिसमे 64 छोटे-छोटे जेट नोजल हो सकते हैं. इसमें विद्युतीय क्षेत्र के प्रभाव द्वारा स्याही की बूदों को जेट की सहायता से कागज पर छोड़ा जाता है. जिसके द्वारा कैरेक्टर और आकृतियां प्राप्त की जाती हैं

यह प्रिंटर इंक की छोटी छोटी बूंदों को कागज पर सम्मलित रूप से फैलाकर आउटपुट प्रदर्शित किया जाता हैं. यह एक बार मे एक लाइन को प्रिंट करता हैं. सामान्यत ये रंगीन इंक वाला प्रिंटर होता हैं. इसका मूल्य भी अन्य प्रिंटर की अपेक्षा कम होता हैं

• लेजर प्रिंटर (Laser Printer)

लेज़र प्रिंटर कम्प्यूटर प्रिंटर का एक आम प्रकार है. जो तीव्र गति से किसी सादे कागज़ पर उच्च गुणवत्ता वाले अक्षर और चित्र उत्पन्न करता है. डिजिटल फोटोकॉपियर्स या बहु-कार्यात्मक प्रिंटर्स की ही तरह लेज़र प्रिंटर में भी एक ज़ेरोग्राफिक प्रिंटिंग प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है

लेकिन यह एनालॉग फोटोकॉपियर्स से इस रूप में अलग होता है कि प्रिंटर के फोटोकॉपियर पर एक लेज़र किरण की प्रत्यक्ष स्कैनिंग के द्वारा Image उत्पन्न की जाती है

एक लेज़र किरण प्रिंट किये जाने वाले पृष्ठ का एक चित्र घूमते हुए विद्युतीय रूप से आवेशित ड्रम, जिस पर सेलेनियम की परत चढ़ी होती है, पर प्रक्षेपित करती है. प्रकाश-चालकता उन क्षेत्रों से आवेश को हटा देती है. जिन पर प्रकाश पड़ रहा हो

तब सूखी स्याही (टोनर) के कणों को ड्रम के आवेशित क्षेत्रों द्वारा विद्युतीय रूप से उठाया जाता है. इसके बाद ड्रम प्रत्यक्ष संपर्क और उष्मा, जो स्याही को कागज़ पर मिलाती है उसके द्वारा Image को कागज़ पर प्रिंट करता है

प्रिंटर के अन्य प्रकारों की तुलना में लेज़र प्रिंटर के अनेक महत्वपूर्ण लाभ हैं. इम्पैक्ट प्रिंटरों के विपरीत, लेज़र प्रिंटर की गति में व्यापक अंतर हो सकता है और यह अनेक कारकों पर निर्भर होती है. जिनमें किये जा रहे कार्य की रेखाचित्रीय तीव्रता शामिल है. सबसे तेज़ गति वाले मॉडल प्रति मिनट एक रंग वाले 200 से अधिक पृष्ठ मुद्रित कर सकते हैं

सबसे तेज़ गति वाले रंगीन लेज़र प्रिंटर प्रति मिनट 100 से अधिक (6000 पृष्ठ प्रति घंटा) मुद्रित कर सकते हैं. अत्यधिक उच्च-गति वाले लेज़र प्रिंटरों का प्रयोग निजीकृत दस्तावेजों, जैसे क्रेडिट कार्ड या सुविधा-बिलों, के सामूहिक प्रेषण के लिये किया जाता है और कुछ वाणिज्यिक अनुप्रयोगों में इनकी प्रतिस्पर्धा लिथोग्राफी से है

एक ड्युप्लेक्सिंग प्रिंटर ऐसा प्रिंटर, जो कागज़ के दोनों ओर मुद्रण करता है. कागज़ की लागत आधी कर सकता है और फाइल के आयतन को घटा सकता है. ड्युप्लेक्सर, जो कि पहले केवल उच्च श्रेणी के प्रिंटरों में ही उपलब्ध थे

अब मध्यम-श्रेणी के प्रिंटरों में भी आम हैं. हालांकि सभी प्रिंटर एक ड्युप्लेक्सिंग इकाई को समाहित नहीं कर सकते. ड्युप्लेक्सिंग में कागज़ के लंबे पथ के कारण पृष्ठ-मुद्रण की गति धीमी भी हो सकती है

प्रिंटर के उपयोग क्या-क्या है ?

प्रिंटर का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग कार्यों में किया जाता है आइए जानते हैं

  • प्रिंटर का सबसे ज्यादा उपयोग किताब, अखबार, कैलेंडर, कॉमिक्स आदि को प्रिंट करने में किया जाता है
  • प्रिंटर का उपयोग करके किसी फोटो को प्रिंट किया जा सकता है
  • शिक्षा संस्थानों और विभिन्न कार्यालयों में प्रिंटर का उपयोग जरूरी दस्तावेजों के मुद्रण के लिए होता है
  • प्रिंटर का उपयोग करके किसी दस्तावेज की हूबहू Cope हो सकती है
  • 3D प्रिंटर की सहायता से किसी भी चीज का 3D प्रिंट बनाना संभव है
  • प्रिंटर का उपयोग करके बड़े-बड़े पोस्टरों को भी प्रिंट किया जा सकता है

FAQ’s – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रिंटर का उपयोग क्यों किया जाता है ?

प्रिंटर का उपयोग कंप्यूटर के डाटा की हार्डकॉपी बनाने के लिए किया जाता है

प्रिंटर कौन सी डिवाइस है ?

प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस होती है

Read More

  • डेटाबेस क्या है और इसके फायदे
  • सर्च इंजन क्या है और कैसे काम करता है
  • मशीन लर्निंग क्या है और कैसे काम करता है

Conclusion

मैं उम्मीद करता हूं कि आपको यह पोस्ट प्रिंटर क्या है – What is Printer in Hindi और प्रिंटर के प्रकार पसंद आई होगी. अगर आपका इस पोस्ट के बारे में कोई भी सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में बेझिझक पूछ सकते हैं. हम आपका जवाब देने की कोशिश जरूर करेंगे

अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी है. तो इसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर कीजिएगा ताकि और लोग भी प्रिंटर के प्रकार के बारे में जान सकें

दोस्तों आपको बताना चाहते हैं अगर आप ऐसे ही विषयों में रुचि रखते हैं जोकि टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए हैं. तो आप MDS Blog के साथ जुड़ सकते हैं. जहां पर आपको हर तरह की नई-नई जानकारियां दी जाती है. जोकि आपके लिए उपयोगी सिद्ध हो सकती हैं

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