प्यार क्या होता है (Pyar kya hota hai) जिंदगी का एक ऐसा सवाल जिसे बयां करना थोड़ा मुश्किल है. अगर किसी भी व्यक्ति से प्यार क्या है? यह सवाल पूछा जाए तो एक ना एक नया जवाब जरूर मिलेगा और मिले भी क्यों ना
क्योंकि प्यार की खासियत ही ये है कि इसको जितना अधिक बयां किया जाए उतना ही कम है. प्यार इस शब्द को पढ़ना जितना आसान है उतना ही कठिन है इसको समझना और बताना
हम सभी ने कभी ना कभी किसी से जरूर प्यार किया है. चाहे वह हमारे माता-पिता हो, चाहे ईश्वर हो, चाहे भाई-बहन हो, चाहे बॉयफ्रेंड हो, चाहे गर्लफ्रेंड हो, चाहे कोई अन्य Third Person हो. प्यार हर किसी से हो सकता है. प्यार शब्द जितना छोटा है प्यार की परिभाषा इससे लाखों गुना बढ़ी है
हर कोई इंसान प्यार को अलग-अलग तरह से परिभाषित करता है लेकिन सभी का आशय एक ही होता है. प्यार हमें भगवान द्वारा प्राप्त एक अमृत वरदान है जोकि सभी जीवो में भावनाएं उत्पन्न करता है
दोस्तों आज इस पोस्ट के माध्यम से आपको प्यार का मतलब क्या होता है (Pyar ka matlab kya hota hai), प्यार कैसे किया जाता है, प्यार क्यों होता है और प्यार करना सही है या गलत? इन सभी सवालों के बारे में विस्तार से जानने को मिलेगा. इस आर्टिकल में मैं भी अपने शब्दों को प्यार की परिभाषा से परिभाषित करूंगा. तो आइए Love kya hai जानते हैं
प्यार क्या होता है – Pyar kya hota hai

लव यानी प्यार एक प्रकार की भावना है जिसे सिर्फ अहसास किया जा सकता है लेकिन बयां नहीं किया जा सकता, प्यार होने पर किसी व्यक्ति विशेष के प्रति बहुत ज्यादा लगाव होने लगता है
कोई भी व्यक्ति प्यार में होने पर आंतरिक खुशी का अनुभव करता है और पहले से ज्यादा खुश और सुंदर होने लगता है. माना जाता है कि ईश्वर का दिया गया एक सुंदर उपहार जो हमें अमृत के समान मिला है वह प्यार है
दोस्त अगर मैं अपने शब्दों में प्यार को समझाने की कोशिश करू तो शायद इसमें मैं भी नाकाम हूं. मेरा मानना है कि प्यार एक इंसान को दूसरे इंसान में महसूस करने का एक शानदार अहसास है. जैसी भावनाएं हमारी स्वयं के लिए होती है यदि किसी और Person में भी हम उन भावनाओं को अहसास कर सकते हैं तो यही Feelings प्यार है
सच्चे प्यार को कभी भी दिमाग से नहीं किया जा सकता यह दो दिलों का एक अहसास है जोकि दिल और मन को सुकून देता है. किसी भी वस्तु, व्यक्ति या किसी अन्य चीज से प्यार होने का मूल कारण यह है कि उसकी कुछ खासियत होती है यार, जोकि हमें भा जाती है. इसीलिए हमारे हृदय से प्यार की भावना उत्पन्न होती है
प्यार क्या है – Pyar kya hai
प्यार एक अनोखा रिश्ता है जो जिंदगी को एक नई उम्मीद के साथ जीने का मौका देता है. आपके पास कितनी भी धन-दौलत हो, कितने भी नौकर-चाकर हो लेकिन यदि आपके जीवन में प्यार नहीं है तो आप जिंदगी का कभी भी आनंद नहीं ले सकते मतलब आपको जिंदगी में कभी भी खुशी का अनुभव नहीं मिल पाएगा
प्यार है तो एक अहसास लेकिन इसमें इतनी शक्ति होती है कि यह दुनिया देखने का नजरिया बदल सकता है और सारी हदों को पार कर आ सकता है. यदि किसी व्यक्ति के जीवन में प्यार की Entry होती है तो वह इंसान पूर्ण तरीके से बदल जाता है और उसको सब कुछ अच्छा लगने लगता है
प्यार केवल दिल की धड़कनों को महसूस कर दिल की आवाज सुनता है. प्यार दो आत्माओं का एक ऐसा मिलन है या एक ऐसी भावना है जो केवल महसूस की जा सकती है जिसे बयान नहीं किया जा सकता
सच्चा प्यार क्या है – True Love kya hota hai
अच्छा लोग कहते हैं मेरी किस्मत खराब है मुझे कभी भी सच्चा प्यार नहीं मिल सकता. लेकिन वे ये नहीं जानते कि आखिर सच्चा प्यार क्या होता है (Sacha Pyar kya hota hai) दोस्त सच्चा प्यार वह है जिसमें अमीरी-गरीबी, रंग-रूप, धर्म-जाति और कोई भी भेदभाव प्यार के बीच में नहीं आता
सच्चा प्यार केवल प्रेमी और प्रेमिका के बीच ही सीमित नहीं है बल्कि हर इंसान को सच्चा प्यार हो सकता है. एक मां का अपने बच्चे के लिए सच्चा प्यार होता है, एक अध्यापक का अपने छात्र के लिए सच्चा प्यार होता है, एक भाई का अपनी बहन के लिए सच्चा प्यार होता है. सच्चे प्यार का कोई सीमित क्षेत्र नहीं है
अब आप सच्चे प्यार का मतलब केवल ये नहीं समझें कि आप जिससे सच्चा प्यार करते हैं हमेशा उसके साथ रहें. बल्कि प्यार में इज्जत, सम्मान, भरोसा और एक-दूसरे की कद्र करना सच्चे प्यार की निशानियां है. मेरा मानना है सच्चा प्यार बहुत किस्मत वाले को मिलता है. इसीलिए अगर आपको आपका सच्चा प्यार मिले तो कभी इसे नजर अंदाज मत कीजिएगा
प्यार कैसे होता है ?
दोस्त प्यार कैसे होता है यह सवाल सबके मन में रहता है लेकिन बहुत कम लोग इसके बारे में अच्छे से Describe कर पाते है. हालांकि प्यार कैसे होता है इस सवाल का जवाब देना बड़ा ही कठिन है इसलिए कठिन है क्योंकि जब किसी को प्यार होता है तो उसे खुद ही पता नहीं चलता कि उसे प्यार हो गया है
मैं आपको बताना चाहता हूं प्यार एक ऐसी भावना है जोकि आकर्षण और मन का लगाव होने से होता है. इसीलिए जब हमें किसी से प्यार होता है तो हम उनकी अच्छाइयों, खूबियों, खूबसूरती और बातों को दिन-रात याद करते रहते हैं और हमारा मन सदैव उन पर ही टिका रहता है
इस बात का अंदाजा लगाना बहुत कठिन है कि कब, किसको, कहां और किस से प्यार हो जाए. जब कोई व्यक्ति प्यार में होता है तो उसका मन प्रसन्नचित्त रहता है और उसे दुनिया अच्छी लगने लगती है
मै आपको बताना चाहता हूं हमें कोई चीज पसंद होती है तो हम उसे हासिल करने का प्रयास करते है. उदाहरण के लिए यदि आपको गुलाब का फूल पसंद है तो आप उसे तोड़कर अपने पास लाना पसंद करेंगे
लेकिन अगर हम किसी को सच्चा प्यार करते हैं तो हम उसे जीवन में सदैव सुखी और तरक्की पर देखना चाहेंगे. इसी प्रकार उदाहरण यदि गुलाब के फूल का लिया जाए तो हम उसे तोड़ेंगे नहीं बल्कि उसे हर रोज पानी देंगे ताकि वह खूब खिले और बेहतरीन खुशबू दे. इस उदाहरण से आपको सच्चा प्रेम किसे कहते हैं अच्छे से समझ आया होगा
प्यार क्यों होता है ?
हम सभी एक सामाजिक प्राणी है और विभिन्न सदियों से हम समाज में रहते आ रहे है. एक-दूसरे से जुड़े रहने के कारण हम में बहुत सी भावनाये विकसित हुई है प्यार भी इन्हीं भावनाओं में से एक है. प्यार हमारे अंदर स्वयं विकसित एक भावना है जो किसी को भी हो सकता है. प्यार होने के लिए किसी भी बहाने की आवश्यकता नहीं होती है
हमारी जिंदगी में प्यार का होना अति आवश्यक है. जिस प्रकार किसी वृक्ष को फलने-फूलने के लिए पानी की अति आवश्यकता होती है उसी प्रकार हमारे जीवन को रंगीन करने यानी खुशियों में ढालने के लिए प्यार का होना अति आवश्यक है
हर किसी के लिए प्यार का अहसास अलग-अलग हो सकता है. अगर किसी लड़की को किसी लड़के से प्यार है तो उसका अहसास अलग होगा. यदि किसी मां को अपने बेटे से प्यार है तो उसका अहसास अलग होगा लेकिन सब में भावनाएं केवल प्यार की ही होगी
जैसे मैंने आपको पहले ही बताया प्रेम हमें भगवान द्वारा प्राप्त एक अमृत समान उपहार है. प्रेम को बयां करना मुश्किल है लेकिन इसका अहसास किया जा सकता है. प्यार कभी भी कुछ मांगता नहीं है बल्कि सदैव देने की प्रवृत्ति रखता है
भगवान श्री कृष्ण ने राधा से प्रेम किया, भगवान राम ने माँ सीता से प्रेम किया प्यार केवल हम मनुष्य तक ही सीमित नहीं है इसकी ताकत भगवान भी पहचानता है. इसीलिए तो प्रेम ब्रह्मांड की सबसे बड़ी शक्तियों में से एक है और सर्वोपरि है. किसी भी क्रोधित व्यक्ति को प्रेम की भाषा से जीता जा सकता है. प्रेम की शक्ति से किसी मनुष्य को सफल और विफल बनाया जा सकता है इसीलिए हमारे जीवन में प्रेम की भावना होना अति आवश्यक है
प्यार का अहसास कैसा होता है ?

प्यार को केवल अहसास किया जा सकता है इसका अहसास मन को शांति और दिल को सुकून प्रदान करता है और हर इंसान को यह अहसास अलग-अलग हो सकता है. लेकिन जब भी हमें किसी से प्रेम होता है तो हमारा स्वभाव बदलने लगता है और हमें दुनियादारी से कुछ मतलब नहीं रहता बल्कि हम हर समय जिस व्यक्ति से प्रेम करते हैं उसके बारे में सोचते रहते हैं
आपका अपने माता-पिता से प्रेम का एहसास, अपने दोस्तों से प्रेम का एहसास, अपने भाई-बहन से प्रेम का एहसास, अपने रिश्तेदारों से प्रेम का एहसास सभी अलग-अलग प्रकार का होता है
दोस्त भरोसा कीजिए प्यार का एहसास मैं अपने शब्दों में लिखकर व्यक्त ही नहीं कर पा रहा हूं. ऐसा तभी हो सकता है जब हम किसी से प्यार करेंगे और यकीन मानिए आप भी प्यार का एहसास बयां नहीं कर पाएंगे
हमारे जीवन में एक सच्चा प्रेम ऐसा भी होता है जिसे कि हम कभी भी भुला नहीं पाते अगर आप भी उसी प्रेम का एहसास ढूंढ रहे हैं तो मैं आपसे सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि वह प्रेम का अहसास बहुत ही अलग है जिसे कि केवल हमारा दिल ही बयां कर सकता है हमारे शब्द नहीं
प्यार का जन्म कब हुआ ?
परमात्मा ने जब सृष्टि का निर्माण किया उसी समय से प्यार का भी जन्म हुआ. इतनी वैज्ञानिक प्रगति होने के बाद भी आज तक इसका सटीक जवाब नहीं मिला है कि सृष्टि का निर्माण कैसे हुआ है? ठीक उसी प्रकार प्यार का जन्म कब हुआ इसका भी आज तक कोई सटीक जवाब नहीं मिला है. लेकिन भगवान ने हमें इसे उपहार के रूप में दिया है जो हमें जिंदगी कितनी खूबसूरत है इसका एहसास दिलाता है
हमें प्यार किस-किस से हो सकता है ?
हमें प्यार किसी से भी हो सकता है. हमें मां से प्यार हो सकता है, पिता से प्यार हो सकता है, अपने भाई से प्यार हो सकता है, अपनी प्रेमिका से प्यार हो सकता है, अपने किसी पालतू जानवर से प्यार हो सकता है, अपने किसी अच्छे मित्र से प्यार हो सकता है, अपनी बहन से प्यार हो सकता है, अपनी पत्नी से प्यार हो सकता है, किसी वस्तु से प्यार हो सकता है लेकिन सभी प्रकार के प्यार का जो एहसास होगा वह बिल्कुल अलग-अलग होगा
प्यार करना सही है या गलत ?
इस सवाल का Simple सा जवाब है कि प्यार करना बिल्कुल भी गलत नहीं है. प्यार का नाम लेकर किसी का इस्तेमाल करना यह गलत है. अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए कभी भी किसी से प्रेम ना करें और ना ही सुंदरता के लिए किसी से प्यार करें यह प्यार का एक गलत रूप है
प्यार दो दिलों का एक खूबसूरत मिलन है जोकि आंखों के रस्ते होकर दिल में बसता है. सच्चे प्यार में खूबसूरती, रंग, रूप, हवस आदि का दूर-दूर तक नाता नहीं होता बल्कि सच्चे प्रेम में एक दूसरे की परवाह, एक दूसरे का सुख दुख में साथ और एक दूसरे को खुद में एहसास करना होता है
प्यार एक ऐसी भाषा है जोकि मनुष्य तथा जानवर दोनों को समझ आती है इसे एहसास कीजिए और चलिये उस सुनहरी दुनिया की और जोकि जिंदगी जीने का एक नया अंदाज सिखाती है
संक्षेप में
उम्मीद है आपको प्यार क्या होता है (Pyar kya hota hai) पर यह आर्टिकल पसंद आया होगा. क्या आप ने भी कभी किसी से सच्चा प्यार किया है और प्यार के बारे में आपके विचार क्या है हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताए
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Beautiful ❤️
Thanks Sumit