नमस्कार दोस्तों क्या आप रेडियोधर्मी प्रदूषण पर निबंध – Radioactive pollution Essay in Hindi खोज रहे हैं. तो आपके लिए आज ही यह पोस्ट काफी लाभकारी साबित होगी. इस पोस्ट में आपको रेडियोधर्मी प्रदूषण पर निबंध कैसे लिखा जाए इसके बारे में बताया गया है आइए जानते हैं –
रेडियोधर्मी प्रदूषण पर निबंध – Essay on Radioactive Pollution in Hindi
प्रस्तावना
रेडियोएक्टिव पदार्थों से होने वाला विकिरण रेडियोधर्मी प्रदूषण के नाम से जाना जाता है. रेडियोएक्टिव पदार्थों से स्वत: विकिरण निकलता रहता है जैसे- यूरेनियम, थोरियम, प्लूटोनियम आदि. रेडियोधर्मी प्रदूषण के मापन की इकाई रोंटजन है. रेडियोधर्मी प्रदूषण के पदार्थ स्वयं में प्रदूषक एवं प्रदूषण दोनों का कार्य करते हैं. भारत में रेडियोधर्मी प्रदूषण सबसे अधिक केरल में पाया जाता है
रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण
यह प्रदूषण मुख्यता परमाणु रिएक्टरों से होने वाले रिसाव, प्लूटोनियम तथा थोरियम के शुद्धिकरण, नाभिकीय प्रयोग, आणविक ऊर्जा संयंत्र, औषधि विज्ञान, रेडियोधर्मी पदार्थों के उत्खनन व परमाणु बमों के विस्फोट द्वारा होता है. इनके अतिरिक्त मानव द्वारा विभिन्न उद्देश्य के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले कोबाल्ट, कार्बन, सीजीयम आदि द्वारा भी नाभिकीय प्रदूषण होता है
सूर्य की किरणों के कारण तथा पृथ्वी के गर्भ में छिपे रेडियोधर्मी पदार्थों जैसे – रेडियम-224, यूरेनियम-238, पोटेशियम-40 के कारण जो प्रदूषण होता है वह प्राकृतिक जनित प्रदूषण होता है. इसकी तीव्रता कम होने के कारण यह जीव धारियों को कोई विशेष हानि नहीं पहुंचाता
रेडियोधर्मी प्रदूषण के प्रभाव
हम सभी जानते हैं कि हर प्रकार का प्रदूषण हानिकारक होता है लेकिन रेडियोधर्मी विकिरण का प्रभाव कई हजार वर्षों तक रहता है. सभी प्रदूषण में रेडियोधर्मी प्रदूषण सबसे अधिक घातक साबित होता है. रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण मनुष्य में खतरनाक रोग जैसे – अस्थि कैंसर, रुधिर कैंसर तथा क्षय रोग आदि हो जाते हैं
रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण जीन और गुणसूत्रों में हानिकारक उत्परिवर्तन होता है. बच्चों के गर्भाशय में मृत्यु हो जाती है. रेडियोधर्मी प्रदूषण का प्रभाव धीरे-धीरे कई वर्षों में लखवा, गूंगापन, बहरापन आदि से देखा जा सकता है
वर्ष 1945 में जापान के हिरोशिमा तथा नागासाकी पर अमेरिका ने परमाणु बम का विस्फोट किया और इन दोनों शहरों को नष्ट कर दिया था. आज 75 वर्षों के बाद भी वहां इसके हानिकारक प्रभाव देखे जा सकते हैं. रेडियोधर्मी प्रदूषण का सर्वाधिक प्रभाव यूरेनियम खानों में श्रमिक और रेडियम परत के पेंटर पर ज्यादा पड़ता है
वर्ष 2011 में जापान में परमाणु संयंत्र में रेडियोधर्मी पदार्थों के रिसाव के कारण आसपास के इलाके को खाली करना पड़ा था. इससे जान-माल की हानि तो नहीं हुई लेकिन यह भविष्य के लिए खतरा पैदा हो सकता था
रेडियोधर्मी प्रदूषण कम करने हेतु उपाय
- परमाणु अस्त्रों का उत्पादन और प्रयोग प्रतिबंधित होना चाहिए.
- रेडियोएक्टिव अवशिष्ट को तर्कसंगत एवं सही ढंग से निर्गत किया जाना चाहिए.
- मानव के प्रयोग उपकरणों को रेडियोधर्मिता से मुक्त किया जाना चाहिए.
- चश्मे पहनकर UV-विकिरणों से बचना चाहिए. जहां पर नाभिक अर्थात नाभिकीय संयंत्र संबंधी काम किए जाते हैं वहां कार्य जल्दी खत्म होना चाहिए ताकि कम लोग रेडियोधर्मी प्रदूषण से संक्रमित हो.
- रिएक्टरों से रिसीवर, रेडियोएक्टिव ईंधन, आइसोटोपों ओके परिवहन तथा उपयोग में लापरवाही बरतने आदि पर प्रतिबंध होना चाहिए.
- आणविक रिएक्टर की स्थापना मानव आबादी से दूर होनी चाहिए.
उपसंहार
पर्यावरण प्रदूषण के संदर्भ में ऊपर दिए गए विवेचन से स्पष्ट है कि पर्यावरणीय प्रदूषण में प्राकृतिक कारकों के साथ-साथ मानवीय कारकों की भी भूमिका होती है. प्राकृतिक कारकों की अपनी एक निर्धारित सीमा है जिसमें मानव हस्तक्षेप नहीं कर सकता
किंतु मानव जो पर्यावरण को सदैव उपयोगितावादी दृष्टिकोण से देखता आया है, कि सोच में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है. यदि व्यापक दृष्टिकोण से देखा जाए तो पर्यावरण को हानि पहुंचाकर हम स्वयं को ही नष्ट कर रहे हैं और भविष्य में आने वाली पीढ़ियों का सर्वनाश कर रहे हैं
हमें गंभीरतापूर्वक इस तथ्य पर विचार करना चाहिए कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या दे रहे हैं? संस्कृति जीवि होने के कारण हमें ऐसे उपाय सोचने होंगे जिसमें मानव जीवन की गुणवत्ता की रक्षा हेतु पर्यावरण को भी सुरक्षा प्रदान की जा सके
पर्यावरण वैश्वीकरण का एक पक्ष है मानव उसका हिस्सा भी है और उपभोक्ता भी, पर्यावरण का शोषण और दहन मानव अधिकार को स्थापित करने में बाधा बन जाता है. अतः पर्यावरण संरक्षण के लिए हम मनुष्य के अतिरिक्त जीवन एवं गरिमा की रक्षा कर सकते हैं. पर्यावरण की गुणवत्ता तभी बढ़ सकती है इसके लिए यह कथन बिल्कुल सही है –
अगर हम पर्यावरण के गुणवत्ता सुधारना चाहते हैं
तो एक मात्र रास्ता है कि हर एक व्यक्ति को इस अभियान से जोड़ा जाए
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संक्षेप में
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