Raksha Bandhan Essay in Hindi : हमारा देश भारत रिश्तों का एक अटूट बंधन है जिसका प्रतीक हमारे यहां विभिन्न प्रकार के त्यौहार है जोकि अनेकता में एकता को प्रदर्शित करते हैं. भारत को त्यौहारों का देश कहा जाए तो गलत नहीं होगा क्योंकि प्रेम का बंधन यहां त्यौहारों से है
ऐसा ही एक त्यौहार रक्षाबंधन है जोकि भाई और बहन के प्यार की व्याख्यान करता है. क्या आप रक्षाबंधन पर निबंध खोज रहे हैं तो आप एकदम सही जगह पर आ गए हैं. आज मैं आपको बताऊंगा कि कैसे आप रक्षाबंधन त्योहार पर निबंध लिख सकते हैं. तो आइए जानते हैं
1) रक्षाबंधन पर निबंध – Raksha Bandhan Essay in Hindi

“तोडे से भी न टूटे, ये ऐसा मन बंधन हैं
इस बंधन को सारी दुनिया कहती रक्षा बंधन हैं”
रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक माना जाता हैं. यह त्यौहार भाई और बहन के बीच गहरे रिश्ते, प्रेम व महत्व को भी दर्शाता हैं
यह त्यौहार हर साल श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं. यह एक हिन्दू व जैन का त्योहार हैं. इस त्यौहार को राखी का त्यौहार भी कहा जाता हैं
यह त्यौहार केवल भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल में भी बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता हैं. इस त्यौहार पर बहनें अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर उनकी कलाई पर राखी (रक्षा सूत्र) बाँधती हैं, उनकी आरती भी उतारती हैं व उनके स्वस्थ एवं सुखी जीवन की मंगल कामना करती हैं
भाई भी अपनी बहन को बदले में कुछन कुछ उपहार अवश्य देते हैं और उनकी रक्षा करने का भी वचन देते हैं. राखी के त्यौहार पर कई प्रकार की स्वादिष्ट मिठाइयाँ व पकवान भी खाने को मिलते हैं
रक्षाबंधन के त्यौहार का महत्त्व भाई-बहन को भावनात्मक रूप से जोड़ना हैं. यह रिश्ता अतुलनीय होता हैं, वे चाहें छोटी-छोटी बातों पर कितना भी लड़-झगड़ ले परन्तु फिर भी एक-दूसरे की परवाह करने से पीछे नहीं हटते
इस त्यौहार का सामाजिक महत्व तो हैं ही, धर्म, पुराण, इतिहास, साहित्य और फिल्में भी इससे अछूते नहीं हैं. यह त्यौहार सबसे प्राचीन व लोकप्रिय त्यौहारो में से एक हैं. यह त्यौहार हमारी संस्कृति की पहचान हैं और यह त्यौहार बहनों के महत्व को बखूबी दर्शाता है
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2) रक्षाबंधन पर निबंध – Essay on Raksha Bandhan in Hindi 2023

भारतवर्ष त्योहारों का देश है. यहां दीपावली, दशहरा, रक्षाबंधन, ईद, क्रिसमस, बैसाखी आदि त्यौहार बड़ी धूम-धाम से मनाए जाते हैं. रक्षाबंधन हिंदुओं का प्रसिद्ध पारिवारिक त्यौहार है. यह श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाए जाने के कारण श्रावणी नाम से प्रसिद्ध है. इसे राखी एवं सलूनो भी कहा जाता है
रक्षाबंधन पर्व भाई-बहन के पावन प्रेम का प्रतीक है. प्राचीन काल में गुरुकुल में विद्यार्थी इस दिन से वेद-शास्त्रों का अध्ययन आरंभ करते थे. रक्षाबंधन का आरंभ कब और कैसे हुआ इसके बारे में अनेक किवदंतियां प्रसिद्ध है
एक प्रसिद्ध किवदंती के अनुसार इंद्राणी ने युद्ध में जाते समय इंद्र की रक्षा एवं विजय कामना के लिए राखी बांधी थी. राखी के प्रभाव से इंद्र विजयी हुए. तभी से इसके महत्व को स्वीकार किया गया और रक्षाबंधन की परंपरा का आरंभ हुआ
सबसे पहले राजा बलि ने भगवान वामन को राखी बांधी थी. कालांतर में ब्राह्मण अपने यज्ञमानो को राखी बांधने लगे और बाद में भाई-बहन के स्नेहा का पर्व रक्षाबंधन माने जाने लगा और आज इसी रूप में मनाया जाता है
मुगल काल में हिंदू स्त्रियां अपनी रक्षा के लिए रक्षाबंधन का पवित्र धागा भिजवा कर शक्तिशाली राजाओं को अपना भाई बना लेती थी. मेवाड़ की बिरंगाना कर्मवती ने अपनी सहायता के लिए हुमायूं को राखी भेजी. हुमायूं राखी मिलते ही सहायता के लिए चल पड़ा
रक्षाबंधन के कई दिन पहले बाजार रंग-बिरंगे राखियों से सज जाते हैं. जिन बहनों के भाई दूर रहते हैं बहनें उन्हें पहले ही डाक द्वारा अपनी राखी भेज देती है. रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई के माथे पर चावल और कुमकुम का टीका लगाकर राखी बांधी है, मिठाई खिलाती है और भाई के लिए ईश्वर से मंगल कामना करती है. राखी बांधकर भाई, बहन की रक्षा का भार अपने ऊपर लेता है. बहनों के अतिरिक्त ब्राह्मण भी अपने यममानो को राखी बांधते हैं
जैसे अन्य त्योहारों में कोई न कोई बुराई आ जाती है. वैसे ही इस त्यौहार में भी कई बुराइयां आ गई है. आजकल हिंदू सभ्यता के लोग विदेशी सभ्यता की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं और अपने पौराणिक त्योहारों को भूलते जा रहे हैं
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FAQ’s – कुछ संबंधित प्रश्न और उत्तर
रक्षाबंधन का त्यौहार कब मनाया जाता है
2023 में रक्षाबंधन कब है
संक्षेप में
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