रक्षाबंधन पर निबंध : रक्षाबंधन एक सांस्कृतिक पर्व है जो कि भाई बहन के प्यार को प्रकट करता है. रक्षाबंधन जिसे नाम से ही स्पष्ट समझा जा सकता है रक्षा का बंधन यानी एक भाई अपनी बहन को इस दिन सदैव उसकी रक्षा करने का वचन देता है
दोस्तों क्या आप रक्षाबंधन पर निबंध लिखना चाहते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत उपयोगी होगी. इस पोस्ट के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए रक्षाबंधन पर शानदार निबंध बताया गया है. तो आइए जानते हैं
रक्षाबंधन पर निबंध
“शुभ सौगात लाती है राखी,
स्नेह और प्रेम के रंग सजाती है राखी”
रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है. यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. रक्षाबंधन का अर्थ है – रक्षा का बंधन, इसे राखी का त्यौहार भी कहा जाता है. यह त्यौहार भाई बहन के प्यार का प्रतीक है
इस अवसर पर बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं. राखी बांधते समय बहनें भाई की तरक्की और उसके सुखी जीवन की प्रार्थना करती हैं
भाई भी बहन की जीवनभर रक्षा करने का वचन देता है तथा बहन को उपहार भेंट करता है. भाई-बहन दोनों एक दूसरे का मुँह मीठा करवाते हैं. इस अवसर पर घरों में ढेर सारे पकवान और मिठाईयां बनाई जाती हैं
जिन बहनों के भाई किसी कारणवश उनसे दूर होते हैं, या बहनें अपने ससुराल से राखी बांधने नहीं जा पाती हैं तब बहनें डाक के माध्यम से राखी भेजती हैं. राखी के अवसर पर बहुत सी बहनें देश की रक्षा हेतु तैनात जवानों को भी राखी बांधती हैं
रक्षाबंधन का त्यौहार हमारी हिंदू धार्मिक परंपरा और भारतीय संस्कृति का प्रतीक है. इस पवित्र अवसर को आधुनिकता के चलते मात्र दिखावा नहीं बनाना चाहिए बल्कि प्रेम और अपनेपन की भावना के साथ ही त्यौहार को मनाना चाहिए
“रक्षाबंधन का पावन पर्व है न्यारा,
भाई-बहन को होता है प्यारा”
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Essay on Raksha Bandhan in Hindi
भारतवर्ष त्योहारों का देश है. यहां दीपावली, दशहरा, रक्षाबंधन, ईद, क्रिसमस, बैसाखी आदि त्यौहार बड़ी धूम-धाम से मनाए जाते हैं. रक्षाबंधन हिंदुओं का प्रसिद्ध पारिवारिक त्यौहार है. यह श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाए जाने के कारण श्रावणी नाम से प्रसिद्ध है. इसे राखी एवं सलूनो भी कहा जाता है
रक्षाबंधन पर्व भाई-बहन के पावन प्रेम का प्रतीक है. प्राचीन काल में गुरुकुल में विद्यार्थी इस दिन से वेद-शास्त्रों का अध्ययन आरंभ करते थे. रक्षाबंधन का आरंभ कब और कैसे हुआ इसके बारे में अनेक किवदंतियां प्रसिद्ध है
एक प्रसिद्ध किवदंती के अनुसार इंद्राणी ने युद्ध में जाते समय इंद्र की रक्षा एवं विजय कामना के लिए राखी बांधी थी. राखी के प्रभाव से इंद्र विजयी हुए. तभी से इसके महत्व को स्वीकार किया गया और रक्षाबंधन की परंपरा का आरंभ हुआ
सबसे पहले राजा बलि ने भगवान वामन को राखी बांधी थी. कालांतर में ब्राह्मण अपने यज्ञमानो को राखी बांधने लगे और बाद में भाई-बहन के स्नेहा का पर्व रक्षाबंधन माने जाने लगा और आज इसी रूप में मनाया जाता है
मुगल काल में हिंदू स्त्रियां अपनी रक्षा के लिए रक्षाबंधन का पवित्र धागा भिजवा कर शक्तिशाली राजाओं को अपना भाई बना लेती थी. मेवाड़ की बिरंगाना कर्मवती ने अपनी सहायता के लिए हुमायूं को राखी भेजी. हुमायूं राखी मिलते ही सहायता के लिए चल पड़ा
रक्षाबंधन के कई दिन पहले बाजार रंग-बिरंगे राखियों से सज जाते हैं. जिन बहनों के भाई दूर रहते हैं बहनें उन्हें पहले ही डाक द्वारा अपनी राखी भेज देती है. रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई के माथे पर चावल और कुमकुम का टीका लगाकर राखी बांधी है, मिठाई खिलाती है और भाई के लिए ईश्वर से मंगल कामना करती है. राखी बांधकर भाई, बहन की रक्षा का भार अपने ऊपर लेता है. बहनों के अतिरिक्त ब्राह्मण भी अपने यममानो को राखी बांधते हैं
जैसे अन्य त्योहारों में कोई न कोई बुराई आ जाती है. वैसे ही इस त्यौहार में भी कई बुराइयां आ गई है. आजकल हिंदू सभ्यता के लोग विदेशी सभ्यता की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं और अपने पौराणिक त्योहारों को भूलते जा रहे हैं
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संक्षेप में
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