शिक्षा की भूमिका पर निबंध : किसी भी राष्ट्र के विकास में शिक्षा उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना कि मानव शरीर में मस्तिष्क का होना है. शिक्षा के माध्यम से ही संपूर्ण जगत का विकास होना संभव है
क्या आप राष्ट्र के विकास में शिक्षा की भूमिका पर निबंध लिखना चाहते हैं तो आपने एकदम सही पोस्ट को चुना है. आज मैं आपको विकसित राष्ट्र के लिए शिक्षा का महत्व पर निबंध कैसे लिखे इसके बारे में जानकारी दूंगा. तो आइए बिना समय गवाएं पढ़ते हैं
देश के विकास में शिक्षा की भूमिका पर निबंध

“देश के विकास में अहम भूमिका निभाए
करके शिक्षित यह जीवन रोशन कर जाए”
किसी भी देश के विकास में शिक्षा एक अहम भूमिका निभाती है. किसी भी देश की प्रगति एवं विकास उस देश में रहने वाले लोगों में शिक्षा के सही प्रसार पर निर्भर करता है. बिना शिक्षा के देश तो क्या किसी व्यक्ति के भी विकास की कल्पना करना निरर्थक है
शिक्षा के कार्य में सहयोग देने का अर्थ है देश के विकास में सहयोग देना. संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी हमेशा कहा करते थे – “शिक्षा ही आपको हमेशा इज्जत की जिंदगी जीने को दे सकती है. आपको लोग किस नजर से देखते है? जब आप शिक्षित हो जाओगे तो लोग उस नजर से नही देखेंगे जैसे आप सोचते हो, इसलिए आपका शिक्षित होना अति आवश्यक है”
शिक्षा वह हथियार है जिसका प्रयोग करके हम आज तकनीकी क्षेत्र में बहुत से देशों से आगे निकल चुके हैं. शिक्षित नागरिक ही राष्ट्र के विकास को सही दिशा और गति दे सकते हैं
शिक्षा एक प्रभावशाली व्यक्तित्व की जननी है अर्थात शिक्षा किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में चार चांद लगा सकती है और उसे निखार सकती है. जब देश के नागरिक एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के स्वामी होंगे तो देश की तरक्की में कभी कोई बाधा नही आने देंगे
शिक्षा से देश के सतत विकास को बल मिलता है. एक शिक्षित समाज वाला देश आर्थिक क्षेत्र के साथ-साथ नैतिक मूल्यों में भी विकास की ओर बढ़ता है. शिक्षा को माध्यम बनाकर मनुष्य ने लगभग हर युग में तरक्की ही तरक्की की है
एक शिक्षित व्यक्ति अधिक परिपक्व और खुशहाल होता है. शिक्षा उत्पादकता और रचनात्मकता दोनों को बढाती है जिससे देश सर्वांगीण विकास की ओर अग्रसर होता है
एक सर्वे के अनुसार अगर किसी भी देश की औसतन विद्यालयी शिक्षा में 1 प्रतिशत की वृद्धि की जाती है तो इससे उस देश की आर्थिक वृद्धि 6 से 15 प्रतिशत तक बढ़ सकती है
हमारा देश भारत प्राचीन समय से ही शिक्षा और ज्ञान का केंद्र रहा है. तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालय विश्वभर में भारत की गरिमा को बढ़ाते हैं. भारतीय वेद-पुराणों और उपनिषदों से भला कौन अवगत नहीं है
भारतीय गणितज्ञ और भारतीय चिकित्सक दोनों ने ही देश को गौरवान्वित किया है. भारत सदियों से शिक्षा के दम पर आगे बढ़ता चला आ रहा है. एक समय था जब भारतीय अर्थव्यवस्था ज्ञान और शिक्षा के बल पर ही चरमोत्कर्ष पर पहुंच पाई थी
आज हम यह कह सकते हैं कि आधुनिक समय में शिक्षा देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में मुख्य भूमिका निभा रही है. शिक्षा ने देश की महिलाओं की स्थिति में भी अभूतपूर्व और सराहनीय परिवर्तन किया है
शिक्षा ने भारतीय महिलाओं को चार दीवारी से बाहर लाकर देश के विकास के लिए एक सराहनीय भूमिका निभाई है. इससे देश में लगातार बढ़ती जनसंख्या और लैंगिक असमानता पर भी रोक लग पाई है
अतः देश के विकास में शिक्षा की एक अहम और प्रभावशाली भूमिका रही है. सरकार को चाहिए कि अधिक से अधिक इस दिशा में प्रयास कर शिक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाई जाए और देश की शिक्षा प्रणाली ऐसी बनाई जाए कि हर घर और हर एक बच्चे तक इसकी पहुंच हो सके. ताकि देश के विकास को अधिक गति प्रदान की जा सके
“शिक्षित समाज से ही होता देश का विकास
हर जन तक पहुंचे शिक्षा यही हो प्रयास”
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आज आपने सीखा
उम्मीद है देश के विकास में शिक्षा की भूमिका पर निबंध को आप ने पूरा पढ़ा होगा और इससे आपको शिक्षा का महत्व समझ में आया होगा. आपके लिए यह पोस्ट कितनी उपयोगी थी कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं
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