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महात्मा गांधी पर निबंध

Essay on Mahatma Gandhi in Hindi : हेलो दोस्त कैसे हो आप? उम्मीद है आप अच्छे होंगे. क्या आप महात्मा गांधी पर निबंध खोज रहे हैं तो आपने एकदम सही पोस्ट को चुना है. इस पोस्ट के माध्यम से आप महात्मा गांधी पर निबंध जान सकते हैं. विद्यार्थियों के लिए यह पोस्ट काफी उपयोगी है तो आइए महात्मा गांधी पर निबंध जानते हैं

1) महात्मा गांधी पर निबंध 150 शब्दों में

महात्मा गांधी भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे. उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. उनके पिता का नाम करमचंद गांधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था

महात्मा गांधी ने हमारे देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने नमक सत्याग्रह, असहयोग आन्दोलन तथा भारत छोड़ो आन्दोलन जैसे कई बड़े-बड़े स्वतंत्रता आन्दोलन चलाए

महात्मा गांधी हमेशा अहिंसा पर विश्वास रखते थे. उन्होंने अपना जीवन साबरमती आश्रम में बिताया. वे धोती तथा सुत से बनी शाल ही पहनते थे. वे हमेशा शाकाहारी भोजन करते थे. महात्मा गांधी के आदर्श सर्वदा सत्य पर आधारित एवं शांतिप्रिय रहे हैं. गांधी जी को हम राष्ट्रपिता एवं बापू के नाम से भी जानते हैं

30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की जान ले ली और इसी के साथ हमारे देश ने एक सच्चे हृदय वाले महान सेनानी को खो दिया. महात्मा गांधी के जन्म दिवस को प्रतिवर्ष गांधी जयंती एवं अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है

2) महात्मा गांधी पर निबंध 200 शब्दों में

महात्मा गांधी पर निबंध

“दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल,
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल”

महात्मा गांधी भारत के एक महान स्वतन्त्रता सेनानी थे. गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ थागांधी जी के पिता का नाम श्री करमचन्द गांधी था एवं माता का नाम पुतलीबाई था. गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था

उन्हें सब प्रेम से बापू कहकर बुलाते थे. वे हमारे देश के राष्ट्रपिता माने जाते हैं. गांधी जी की प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर में ही हुई. मात्र 13 वर्ष की आयु में उनका विवाह कस्तूरबा से कर दिया गया. वकालत की पढ़ाई हेतु गांधी जी इंग्लैंड गए थे. गांधीजी 1891 में पुनः भारत लौटे, उस समय देश मे अंग्रेजों का शासन था

गांधी जी भी स्वतन्त्रता संग्राम में कूद पड़े. उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आंदोलन 1920 में, सविनय अवज्ञा आंदोलन और दांडी मार्च 1930 में तथा भारत छोड़ो आंदोलन सन 1942 में किया

गांधी जी के नेतृत्व और देशवासियों की दृढ़ इच्छा के फलस्वरूप आखिरकार 15 अगस्त 1947 को भारत देश को आजादी मिल ही गई. गांधी जी हमेशा सत्य और अहिंसा की राह पर ही चलते थे. इसी राह पर चलते हुए ही उन्होंने अंग्रेजों को देश छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया. गांधी जी सदा जीवन और उच्च विचार में विश्वास करते थे. वह खाड़ी के वस्त्र पहनते थे और चरखा भी कातते थे

महात्मा गांधी स्वदेशी सामान खरीदने पर ही जोर देते थे. ऐसे महान व्यक्तित्व के स्वामी महात्मा गांधी की 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली के बिड़ला भवन में नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई

उनकी मृत्यु से देश भर में शोक की लहर दौड़ गई. वर्ष 2007 से विश्वभर में उनके जन्मदिन को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज भी युवाओं को महात्मा गांधी के विचारों और आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी जाती है

“सत्य की राह पर चलकर देश को आजाद कराया,
अहिंसा का पुजारी था वो महात्मा गांधी कहलाया”

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3) महात्मा गांधी पर निबंध 500 शब्दों में

“दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल,
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल”

प्रस्तावना

सत्य और अहिंसा के पुजारी गाँधीजी भारत के सबसे महान नेता व स्वतंत्रता सेनानी थे. उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उनके पिता श्री करमचंद गाँधी राजकोट के दीवान थे

गाँधी जी की माता का नाम पुतलीबाई था और वह धर्मिक विचारों और नियमों का पालन करती थी. कस्तूरबा गांधी उनकी पत्नी का नाम था वह उनसे 6 माह बड़ी थी. ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता के लिए सफल अभियान का नेतृत्व करने के लिए इन्होंने अहिंसक प्रतिरोध का इस्तेमाल किया है

महात्मा गाँधी जी की शिक्षा

गाँधीजी ने पोरबंदर के एक प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई की, जहां उन्होंने पुरस्कार और छात्रवृत्तियां जीतीं, लेकिन पढ़ाई के प्रति उनका दृष्टिकोण सामान्य था. 1887 में, गांधी ने बॉम्बे विश्वविद्यालय में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की, वकालत करने हेतु वे इंग्लैंड गए और वकील बनकर भारत लौटे

दक्षिण अफ्रीका में गाँधीजी

एक बार किसी कार्यवश गाँधीजी दक्षिण अफ्रीका गए. वहां पहुंचने पर, गांधीजी वहां व्याप्त नस्लीय भेदभाव से अवगत हुए. उन्होंने वहां पर आंदोलन किया और सफल होकर भारत लौटे

भारत लौटकर गाँधीजी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपना पूरा जीवन दे दिया. ब्रिटिशों के खिलाफ महात्मा गांधी ने कई आंदोलन किए जिनमें चंपारण आंदोलन, खेड़ा आंदोलन, खिलाफत आंदोलन, नमक आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन मुख्य रूप से शामिल है

महात्मा गाँधी द्वारा किए गए आंदोलन

1. चंपारण सत्याग्रह

ब्रिटिश जमींदार गरीब किसानों से अत्यधिक कम मूल्य पर जबरन नील की खेती करा रहे थे. इससे किसानों में भूखे मरने की स्थिति पैदा हो ई थी. यह आंदोलन बिहार के चंपारण जिले से 1917 में शुरू हुआ जो भारत में उनकी पहली राजनैतिक जीत थी

2. असहयोग आंदोलन

जलियांवाला बाग नरसंहार से गाँधी जी को यह ज्ञात हो गया था कि ब्रिटिश सरकार से न्याय की अपेक्षा करना व्यर्थ है. अतः उन्होंने सितंबर 1920 से फरवरी 1922 के मध्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन चलाया. लाखों भारतीयों के सहयोग से यह आंदोलन अत्यधिक सफल रहा और इससे ब्रिटिश सरकार को भारी झटका लगा

3. नमक सत्याग्रह

2 मार्च 1930 से साबरमती आश्रम (अहमदाबाद में स्थित स्थान) से दांडी गांव तक 24 दिनों का पैदल मार्च निकाला गया. यह आंदोलन ब्रिटिश सरकार के नमक पर एकाधिकार के खिलाफ छेड़ा गया. गाँधी जी द्वारा किया गया यह सबसे महत्वपूर्ण आंदोलन था

4. दलित आंदोलन

गाँधी जी द्वारा 1932 में अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग की स्थापना की गई और उन्होंन छुआछूत विरोधी आंदोलन की शुरूआत 8 मई 1933 में की

5. भारत छोडो आंदोलन

ब्रिटिश साम्राज्य से भारत को तुरंत आजाद कराने के लिए महात्मा गाँधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस के बॉम्बे अधिवेशन से द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन आरम्भ किया गया

“अहिंसा परमो धर्मः” के सिद्धांत को नींव बना कर, विभिन्न आंदोलनों के माध्यम से महात्मा गाँधी ने देश को गुलामी की जंजीर से आजाद कराया. गांधीजी हमेशा अहिंसा के रास्ते पर चलते थे, वे लोगों से आशा करते थे कि वे भी अहिंसा का रास्ता अपनाएं

लोग गाँधीजी को प्यार से बापू कहते हैं. बापू हिंसा के खिलाफ थे और अंग्रेजों के लिए काफी बड़ी मुश्किल बने हुए थे. आजादी में बापू के योगदान के कारण उन्हें राष्ट्रपिता का दर्जा दिया गया है. बापू हमेशा साधारण जीवन जीते थे, वे चरखा चलाकर कर सूत कातते थे और उसी से बनी धोती पहना करते थे

महात्मा गांधी वह नेता थे जिन्होंने 200 से अधिक वर्षों से भारतीय जनता पर ब्रिटिश उपनिवेशवाद की बेड़ियों से भारत को मुक्त कराया था. विश्व स्तर पर प्रसिद्ध व्यक्ति, महात्मा गांधी को उनकी अहिंसक, अत्यधिक बौद्धिक और सुधारवादी विचारधाराओं के लिए जाना जाता है

उपसंहार

भारत आजाद होने के कुछ ही महीनों बाद महात्मा गाँधी जी की हत्या 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे द्वारा कर दी गई. वे हमेशा कहा करते थे “कुछ ऐसा जीवन जियो जैसे की तुम कल मरने वाले हो, कुछ ऐसा सीखो जिससे कि तुम हमेशा के लिए जीने वाले”

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने इन्हीं सिद्धान्तों पर चलते हुए जीवन व्यतीत किया. हमें भी उनके जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए और उन्हीं के सिद्धांतों पर चलने की कोशिश करनी चाहिए

“सीधा सादा वेश, ना कोई अभिमान,
अहिंसा और सत्य के दम पर,
देश का बढ़ाया उसने मान”

FAQ’s – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

महात्मा गांधी का जन्म कब और कहां हुआ ?

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था

गांधी जी के माता-पिता का नाम क्या था ?

गांधी जी की माता का नाम पुतलीबाई और पिता का नाम श्री करमचंद गाँधी था

गांधी जी की मृत्यु कब और कैसे हुई ?

30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर गांधी जी की हत्या कर दी

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संक्षेप में

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