Essay on Swachh Bharat Abhiyan in Hindi : किसी भी राष्ट्र को विकसित करने में शिक्षा की जितनी भूमिका होती है उतनी ही भूमिका हमारे जीवन में स्वच्छता की भी है. स्वच्छ माहौल हमारे शारीरिक और मानसिक विकास दोनों के लिए बहुत आवश्यक है
अपने देश भारत को स्वच्छ बनाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान चलाया गया है. क्या आप स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध 1000 शब्दों में खोज रहे हैं तो आप एकदम सही जगह पर आये है
आप कैसे स्वच्छ भारत अभियान पर बड़ा निबंध लिख सकते है आज आपको बताया गया है. ये निबंध 10th से लेकर UPSC स्टूडेंट्स के लिए बहुत काम का है. आइये पढ़ते है
मुहिम | स्वच्छ भारत अभियान |
शुरुआत | 2 अक्टूबर 2014 |
उद्देश्य | संपूर्ण भारत को स्वच्छ बनाना और लोगों में स्वच्छता की जागरूकता लाना |
प्रतीक चिह्न | गांधीजी का चश्मा |
वेबसाइट | 1. swachhbharaturban.gov.in 2. swachhbharat.mygov.in |
स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध 1000 शब्दों में

प्रस्तावना
सभी भारतवासी जानते हैं कि 2 अक्टूबर उनके लिए एक महत्वकांक्षी दिवस है. इस दिन हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का जन्म हुआ था. इस युग-पुरुष ने भारत सहित पूरे विश्व को मानवता की नई राह दिखाई थी
हमारे देश में प्रत्येक वर्ष गांधी जी का जन्म दिवस एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है और इसमें संदेह की कोई बात ही नहीं है कि उनके प्रति हमारी श्रद्धा प्रतिवर्ष बढ़ती जाती है. वर्ष 2014 में भी 2 अक्टूबर को गांधी जी को सम्मान पूर्वक याद किया गया. लेकिन स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत के कारण यह दिन और भी विशिष्ट हो जाता है
स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्र स्तरीय अभियान है. गांधी जी की 145वी जयंती के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा इस अभियान की घोषणा की गई. यह अभियान प्रधानमंत्री जी की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है
2 अक्टूबर 2014 को उन्होंने राजपथ पर जनसमूह को संबोधित करते हुए सभी राष्ट्र वासियों से स्वच्छ भारत अभियान में भाग लेने और इसे सफल बनाने की अपील की थी. साफ-सफाई के संदर्भ में यह अभियान अब तक सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है
जिसकी प्रशंसा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हो रही है. क्योंकि यह अभियान अपने आस-पास की सफाई के साथ व्यक्ति चरित की शुद्धि और पवित्रता पर भी बल देता है. यहां तक कि श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भी राजपथ पर झाड़ू लगाया गया. जोकि एक गर्व की बात है किसी भी देश का प्रधानमंत्री एक देशवासी के साथ स्वयं झाड़ू लगाकर इस अभियान की शुरुआत कर सकता है ऐसा किसी ने सोचा भी नहीं था
स्वच्छ भारत अभियान का प्रारंभ
2 अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा महात्मा गांधी के स्वच्छता के सपने को साकार करने के उद्देश्य से सर्वप्रथम गांधी जी को राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित कर और फिर नई दिल्ली में स्थित बाल्मीकि बस्ती में जाकर नरेंद्र मोदी जी ने स्वयं झाड़ू लगाया
कहा जाता है कि बाल्मीकि बस्ती दिल्ली में गांधी जी का सबसे लोकप्रिय स्थान था. वह अक्सर गांधी जी आकर ठहरते थे. इसके बाद मोदी जी ने जनपद जाकर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की. इस अवसर पर उन्होंने स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया
अपने भाषण के दौरान उन्होंने महात्मा गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री का जिक्र करते हुए बड़ी खूबसूरती से इन दोनों महापुरुषों को इस अभियान से जोड़ दिया उन्होंने कहा गांधीजी ने आजादी से पहले नारा दिया था कि –
क्विट इंडिया क्लीन इंडिया
आजादी की लड़ाई में उनका साथ देकर देशवासियों ने क्विट इंडिया के सपने को साकार कर लिया. लेकिन अभी तक उनका क्लीन इंडिया का सपना पूरा साकार नहीं हुआ है. इसके लिए 2 अक्टूबर 2019 तक का लक्ष्य निर्धारित किया था
प्रधानमंत्री मोदी जी ने 5 साल में देश को साफ सुथरा बनाने के लिए लोगों को शपथ दिलाई कि – मैं न गंदगी करूंगा और न ही गंदगी करने दूंगा, अपने अतिरिक्त में अन्य 100 लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करूंगा और उन्हें सफाई की शपथ दिलाऊंगा
उन्होंने कहा कि प्रत्येक साल में 100 घंटे का श्रमदान करने की संपत्ति और सप्ताह में कम से कम 2 घंटे सफाई के लिए निकले. अपने भाषण में प्रधानमंत्री जी ने स्कूलों और गांव में शौचालय निर्माण की आवश्यकता पर भी बल दिया. इस प्रकार स्वच्छ भारत अभियान में निम्नलिखित उद्देश्य शामिल थे
स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्य
स्वच्छ भारत अभियान ने भारत वासियों को स्वच्छता की ओर अग्रसर किया है इसके निम्नलिखित उद्देश्य है –
- स्वच्छता साफ-सफाई तथा खुले में शौच के अन्मूलन को बढ़ावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की सामान्य गुणवत्ता को बढ़ावा देना
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को बढ़ावा देकर 2 अक्टूबर 2019 तक स्वच्छ भारत के सपने को साकार करना
- जागरूकता लाकर तथा स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से समुदायों को प्रेरित करना
- ग्रामीण क्षेत्र में संपूर्ण स्वच्छता हेतु वैज्ञानिक ठोस एवं तरल अपशिष्ट पदार्थ प्रबंधन पर बल देते हुए स्वच्छता को प्रोत्साहित करना
- जेंडर पर सकारात्मक प्रभाव डालना एवं समाज से जुड़ने के लिए प्रेरित करना
स्वच्छता हेतु कार्यनीति
स्वच्छता को बढ़ावा देने हेतु व्यवहारगत परिवर्तन पर बल दिया गया. संस्थागत क्षमता को बढ़ा दिया गया था. स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत क्लीन इंडिया नाम से एक नई वेबसाइट की भी शुरुआत की गई और फेसबुक जैसी लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट के माध्यम से लोगों को इससे जोड़ा गया
ट्विटर पर भी माइ क्लीन इंडिया के नाम से एक हैंडल का शुभारंभ किया गया. प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी ने सभी से अपील की कि लोग पहले गंदगी वाली जगह के फोटो नेटवर्किंग साइट पर अपलोड करें और फिर उस स्थान को साफ करके उसकी वीडियो तथा फोटो भी अपलोड करें
इस अभियान में प्रधानमंत्री जी ने मशहूर हस्तियों को भी शामिल किया. उन्होंने इसके लिए 9 लोगों को नॉमिनेट किया. इतना ही नहीं समाचार पत्रों, विज्ञापनों के माध्यम से भी स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा दिया गया और स्वच्छता पर अधिक बल दिया गया
यह बात बिल्कुल सत्य है कि चरित्र की शुद्धि और पवित्रता बहुत आवश्यक है. लेकिन बाहर की सफाई भी उतनी ही आवश्यक है. यदि हमारे आस-पास का परिवेश ही स्वच्छ नहीं होगा तो मन भला किस प्रकार शुद्ध रहेगा
आज स्वच्छ परिवेश प्रतिकूल प्रभाव हमारे मन पर ही डालता है. जिस प्रकार स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है. उसी प्रकार एक स्वस्थ और शुद्ध व्यक्तित्व का विकास भी एक स्वच्छ वातावरण और परिवेश में होता है
दोस्तों साफ-सफाई अभाव से हमारे आध्यात्मिक लक्ष्य तो प्रभावित होते ही हैं, साथ ही हमारी आर्थिक प्रगति बाधित होती है. अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के आकलन का संकेत देते हुए कहा कि गंदगी कारण के औसत रूप से प्रत्येक भारतीय को प्रतिवर्ष 6500 का अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है
यदि उच्च वर्ग को इसमें शामिल ना किया जाए तो यह आंकड़ा 12 से 15 हजार सालाना तक का भी हो सकता है. इस प्रकार देखा जाए तो हम स्वच्छ रहकर इस आर्थिक नुकसान से बच सकते हैं. इन्हीं सब पहलू के कारण भारत ने सकारात्मक उपलब्धियां भी हासिल की है
स्वच्छ भारत अभियान की उपलब्धियां
स्वच्छता की ओर बढ़ते हुए भारत को 2 अक्टूबर, 2019 को खुले में शौच से मुक्त किया गया. प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा बताया गया कि देशभर में 60 करोड़ से अधिक लोगों को खुले में शौच मुक्त कराया गया जो कि काफी अच्छी बात है
साथ ही जनभागीदारी के महत्व पर बल देते हुए जल जीवन मिशन तथा वर्ष 2022 तक प्लास्टिक के प्रयोग की समाप्ति का सामूहिक प्रयास के बारे में भी बताने पर बल दिया गया. इस प्रकार स्वच्छ भारत अभियान का लक्ष्य समय से पूरा किया गया
स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत 11 करोड़ शौचालय का निर्माण किया गया. इतना ही नहीं देश के अनेक राज्य खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिए गए जैसे- सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केरल, हरियाणा इत्यादि. इतना ही नहीं बल्कि स्वच्छता को बनाए रखने हेतु स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण की भी घोषणा फरवरी 2020 में की गई थी
उपसंहार
स्वच्छता समान रूप से हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी होती है. हर समय कोई सरकारी संस्था या बाहरी बल हमारे पीछे नहीं लग सकता है. हमें अपनी आदतों में सुधार करना होगा और स्वच्छता को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा
हालांकि आदतों में बदलाव करना आसान नहीं होता. लेकिन यह इतना कठिन भी नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ठीक ही कहा कि – यदि हम कम से कम खर्च में अपनी पहली ही कोशिश में मंगल ग्रह पर पहुंच सकते हैं तो एक स्वच्छता का अभियान चलाकर हम अपने देश को स्वच्छ क्यों नहीं कर सकते हैं. एक सकारात्मक विचार के साथ हम आगे बढ़ सकते हैं
इसके लिए हमें अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए स्वच्छता से स्वच्छ मन, स्वच्छ विचार एवं स्वच्छ पर्यावरण को भी बनाना होगा. सहयोगात्मक रूप में व्यवहार में बदलाव लाकर ग्रामीण स्वच्छता रणनीति को 2029 तक पूरा करना आवश्यक है. तभी ग्रामीणों में स्वास्थ्य सुधार लाकर देश भारत को स्वच्छ रखा जा सकता है
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संक्षेप में
अच्छा आज आपने जाना कि स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध 1000 शब्दों में कैसे लिखा जाता है. आपको यह निबंध कैसा लगा कमेंट बॉक्स में जरूर बताना. अगर आपको ये निबंध अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कीजिएगा
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