नमस्कार दोस्तों आपका MDS BLOG में स्वागत है क्या आप जानना चाहते हैं ट्रांसफार्मर क्या है, ट्रांसफार्मर किस सिद्धांत पर कार्य करता है और ट्रांसफार्मर की दक्षता कितनी होती है? आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे अगर आप 12th साइंस में फिजिक्स का अध्ययन करते हैं तो खासकर यह पोस्ट आप ही के लिए तैयार की गई है
12th साइंस में फिजिक्स में एक टॉपिक ट्रांसफार्मर भी आता है आज हम इसी टॉपिक पर पूर्ण रूप से चर्चा करेंगे अगर आप स्टूडेंट हैं तो यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी सिद्ध हो सकती है ट्रांसफार्मर क्या है यह प्रश्न कई बार बोर्ड परीक्षा में भी आता है और यह एक अनिवार्य प्रश्न है
दोस्तों आपने कई बार ट्रांसफार्मर देखा होगा तो शायद बहुत कम लोगों के मन में यह प्रश्न उठता होगा कि ट्रांसफार्मर का क्या कार्य होता है और ट्रांसफार्मर किस सिद्धांत पर कार्य करता है आज की पोस्ट को मैंने खासकर 12th में पढ़ने वाले साइंस के स्टूडेंट के लिए तैयार किया है जिसमें कि ट्रांसफार्मर से जुड़ी हुई हर जानकारी और प्रश्न को कवर किया गया है जो की बोर्ड के लिए उपयोगी है तो बिना देरी करे हुए चलिए जानते हैं-
ट्रांसफार्मर क्या है – What is Transformer in Hindi
दोस्तों ट्रांसफार्मर एक ऐसी युक्ति है जो कि उर्जा की हानि करे बिना प्रत्यावर्ती वोल्टेज को कम या ज्यादा कर सकता है इसीलिए ट्रांसफार्मर द्वारा उत्पन्न वोल्टेज को प्रत्यावर्ती वोल्टेज कहा जाता है ट्रांसफार्मर धारा की आवृत्ति को बिना बदले वोल्टेज को कम या ज्यादा कर सकता है ट्रांसफार्मर का आविष्कार Michael faraday ने किया था.
ट्रांसफार्मर किस सिद्धांत पर कार्य करता है
ट्रांसफार्मर अन्योन्य प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है. ट्रांसफार्मर एक ऐसी युक्ति है जिसे की प्रत्यावर्ती धारा के विभव को परिवर्तित करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है ट्रांसफार्मर केवल प्रत्यावर्ती धारा के विभव को बदल सकता है दिष्ट धारा के विभव को नहीं बदल सकता
ट्रांसफार्मर के प्रकार – Types of Transformer in Hindi
दोस्तों मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं ट्रांसफार्मर सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं जिनका की नीचे हमने वर्णन करा हुआ है
- अपचायी ट्रांसफार्मर (Step-down Transformer)
- उच्चायी ट्रांसफार्मर (Step-up Transformer)
अपचायी ट्रांसफार्मर क्या है – Step down Transformer in Hindi
अपचायी ट्रांसफार्मर ऊंचे विभव वाली निर्बल प्रत्यावर्ती धारा को नीचे विभव वाली प्रबल प्रत्यावर्ती धारा में परिवर्तित करने का कार्य करता है. इस ट्रांसफार्मर में प्राय दो कुंडलियां होती है इन कुंडलियों में से एक कुंडली में तांबे के पतले तार अधिक फेरों के साथ लगे हुए होते हैं जिसे की प्राथमिक कुंडली कहा जाता है तथा दोनों कुंडलियों के मध्य लोहे की क्रोड लगी होती है दूसरी कुंडली में तांबे के मोटे तार कम फेरों में लगे हुए होते हैं जिसे की द्वितीय कुंडली कहा जाता है.
उच्चायी ट्रांसफार्मर क्या है – Step Up Transformer in Hindi
उच्चायी ट्रांसफार्मर नीचे विभव वाली प्रबल प्रत्यावर्ती धारा को ऊंचे विभव वाली निर्बल प्रत्यावर्ती धारा में बदलता है उच्चायी ट्रांसफार्मर में दो कुंडलियां होती है जिसमें की एक कुंडली में तांबे के मोटे तार कम फेरों के साथ होते हैं जिसे की प्राथमिक कुंडली कहा जाता है तथा दोनों कुंडलियों के मध्य लोहे की क्रोड लगी होती है दूसरी कुंडली में तांबे के पतले तार अधिक फेरों की संख्या में होते हैं जिसे की द्वितीय कुंडली कहा जाता है यानी कि यह अपचायी ट्रांसफार्मर का ठीक विपरीत होता है
ट्रांसफार्मर की दक्षता
दोस्तों ट्रांसफार्मर की दक्षता को हम इस प्रकार मान सकते हैं कि ट्रांसफार्मर में निर्गत शक्ति तथा निवेशी शक्ति का अनुपात ट्रांसफार्मर की दक्षता कहलाता है. यानी कि अगर दूसरे शब्दों में कहें तो ट्रांसफार्मर में द्वितीय कुंडली को प्राप्त ऊर्जा और प्राथमिक कुंडली को दी उर्जा के अनुपात को ट्रांसफार्मर की दक्षता कहा जाता है.
ट्रांसफार्मर की दक्षता का अनुपात 100% होना चाहिए आदर्श ट्रांसफार्मर के लिए पर ऐसा नहीं होता ट्रांसफार्मर की दक्षता 65% से 95% के बीच होती है इसका सूत्र निम्न होता है-
निर्गत शक्ति : निवेशी शक्ति = ट्रांसफार्मर की दक्षता Note- { : का चिन्ह अनुपात या बट्टे का है}
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Step down Transformer और Step up Transformer में अंतर
अपचायी ट्रांसफार्मर | उच्चायी ट्रांसफार्मर |
जिन ट्रांसफार्मरों का उपयोग वोल्टेज को घटाने के लिए किया जाता है उन्हें अपचायी ट्रांसफार्मर कहते हैं | जिन ट्रांसफार्मरों का उपयोग वोल्टेज को बढ़ाने के लिए किया जाता है उन्हें उच्चायी ट्रांसफार्मर कहते हैं |
इस ट्रांसफार्मर में प्राथमिक कुंडली में फेरों की संख्या अधिक एवं तथा द्वितीय कुंडली में फेरों की संख्या कम होती है | इस ट्रांसफार्मर में प्राथमिक कुंडली में फेरों की संख्या कम एवं तथा द्वितीय कुंडली में फेरों की संख्या अधिक होती है |
अपचायी ट्रांसफार्मर प्रत्यावर्ती विभवांतर को बढ़ा देता है | उच्चायी ट्रांसफार्मर प्रत्यावर्ती विभवांतर को घटा देता है |
अपचायी ट्रांसफार्मर धारा की प्रबलता कम कर देता है | उच्चायी ट्रांसफार्मर धारा की प्रबलता बढ़ा देता है |
अपचायी ट्रांसफार्मर का परिणमन अनुपात (K) एक से अधिक होता है | उच्चायी ट्रांसफार्मर का परिणमन अनुपात (K) एक से कम होता है |
ट्रांसफार्मर में ऊर्जा हानि के कारण
ट्रांसफार्मर में उर्जा की हानि किसी न किसी प्रकार अवश्य होती है इसका अर्थ हुआ कि ट्रांसफार्मर में 100% दक्षता नहीं होती आइए ट्रांसफार्मर में उर्जा हानि के कारणों के बारे में जानते हैं
- भंवर धाराओं के कारण हानि
- तांबे में हानि
- चुंबकीय फ्लक्स में हानि
भंवर धाराओं के कारण हानि
ट्रांसफार्मर में भंवर धाराएं उत्पन्न होने के कारण ऊर्जा की हानि होती है भवर धाराओं से उत्पन्न होने वाली हानियों को कम करने के लिए क्रोड को पटली बनाया जाता है जिससे कि ऊर्जा का ह्रास कम हो यह ट्रांसफार्मर में उर्जा हानि का एक महत्वपूर्ण कारण है.
तांबे में हानि
जब प्राथमिक तथा द्वितीय कुंडलियों में प्रत्यावर्ती धारा प्रवाहित होती है तो कुछ ऊर्जा तांबे के फेरों में ऊष्मा के रूप में नष्ट हो जाती है कुंडलियों में उत्पन्न ऊष्मा को अवशोषित करने के लिए कुंडली के चारों ओर ठंडी हवा तथा तेल प्रवाहित किया जाता है तथा ऊर्जा हानि को बचाया जा सकता है.
चुंबकीय फ्लक्स में हानि
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दूं ट्रांसफार्मर में प्राथमिक कुण्डली में उत्पन्न चुंबकीय फ्लक्स पूर्ण तरीके से द्वितीय कुंडली में नहीं पहुंच पाता है अर्थात जितना विद्युत फ्लक्स प्राथमिक कुंडली में उत्पन्न होता है वह पूर्णता द्वितीय कुंडली में गुजर नहीं पाता जिससे कि ऊर्जा की काफी हानि होती है इसे कम करने के लिए प्राथमिक कुंडली एवं द्वितीय कुंडली को एक दूसरे की ही ऊपर बनाया जाता है.
ट्रांसफार्मर के उपयोग
दोस्तों हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में ट्रांसफार्मर और बिजली के कई उपयोग है हम सोच भी नहीं सकते कि Electricity के ना होने से हमें कितना नुकसान हो सकता है. आप ही सोचिए अगर एक घंटा बिजली चली जाती है तो आपको कैसा महसूस होता है हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताइए
- दैनिक जीवन में Radio, telephone, Refrigerators और T.V में ट्रांसफार्मर का उपयोग होता है.
- जहां विद्युत ऊर्जा का उत्पादन होता है वहां ट्रांसफार्मर की धारा तीव्रता को कम करके हमारे घरों में बिजली भेजी जाती है
- कारखानों में, वेल्डिंग और ट्रांसफार्मर का उपयोग विभिन्न प्रकार की भट्टियों में किया जाता है. Distribution ट्रांसफार्मर का उपयोग current Distribute करने में किया जाता है.
संक्षेप में
दोस्त मुझे उम्मीद है आपको मेरे द्वारा बताई गई जानकारी ट्रांसफार्मर क्या है – Transformer in Hindi और ट्रांसफार्मर किस सिद्धांत पर कार्य करता है तथा ट्रांसफार्मर की दक्षता क्या होती है यह जानकारी पसंद आई है तो इसे जरूर शेयर कीजिएगा
अगर आपका इस जानकारी के बारे में कोई भी प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स में जरूर पूछिए. दोस्तों अगर आप ऐसी ही जानकारियों में रुचि रखते हैं और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बारे में और भी जानकारियां जानना चाहते हैं तो MDS BLOG के साथ जरुर जुड़े इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!