Hindi Essay

उपभोक्ता संरक्षण पर निबंध हिंदी में

क्या आप उपभोक्ता संरक्षण पर निबंध (Essay on Consumer Protection in Hindi) लिखना चाहते हैं तो आपने एकदम सही पोस्ट को चुना है. आज मैं आपको उपभोक्ता संरक्षण पर हिंदी निबंध कैसे लिखें इसके बारे में जानकारी दूंगा. तो आइए जानते हैं

उपभोक्ता संरक्षण पर निबंध – Consumer Protection Essay in Hindi

उपभोक्ता संरक्षण पर निबंध

“उपभोक्ता के हितों का करे रक्षण
कहलाता है ये सरकारी नियंत्रण”

प्रस्तावना

उपभोक्ता संरक्षण एक प्रकार का सरकारी नियंत्रण है जो उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करता है. वर्तमान समय में उपभोक्ता बहुत सी समस्याओं से घिरा हुआ है. जैसे कि कालाबाजारी, चीजों में मिलावट, जमाखोरी, बिना मानक की वस्तुओं की बिक्री, आवश्यकता से अधिक दाम, सर्विस ठीक से ना देना, ठगी करना, नाप-तौल में गड़बड़ इत्यादि. ऐसी ही समस्याओं से सरकारी कानूनों को बनाकर ग्राहकों के हितों की रक्षा करना उपभोक्ता संरक्षण है

उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के कानून बनाए गए हैं फिर भी गैरकानूनी कार्य करने वालो को कहीं न कहीं राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होता है जिस कारण उपभोक्ता ठगा जाता है. इसी कारण ग्राहक को जागरूक करने और उनके हितों को संरक्षित करने पर जोर दिया जाता है

उपभोक्ताओं के अधिकार

भारत में उपभोक्ताओं को बहुत से अधिकार प्राप्त हैं. जैसे कि उन सभी प्रकार के उत्पादों तथा सेवाओं से उपभोक्ता को सुरक्षा का अधिकार प्राप्त है जो उनके जीवन तथा उनकी संपत्ति को हानि पहुँचा सकते हैं

ग्राहकों को पूरा अधिकार है कि वे उत्पादों तथा सेवाओं की गुणवत्ता, वस्तु की मात्रा, उसका प्रभाव, उसकी शुद्धता, उसके मानक तथा मूल्य के बारे में जाने. यदि किसी भी तरीके से उपभोक्ता यानी ग्राहक का शोषण होता है तो उसे उचित सुनवाई का भी अधिकार प्राप्त है

भारत में 24 दिसम्बर 1986 को उस समय के प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी की पहल पर संसद द्वारा उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पारित किया गया और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद सम्पूर्ण भारत में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लागू हो गया

उसके बाद बीच-बीच में इस अधिनियम में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए. इस अधिनियम के तहत आदेशों का पालन न किए जाने पर धारा 27 के तहत जेल व दण्ड तथा धारा 25 के तहत कुर्की का प्रावधान है

उपभोक्ता के कर्तव्य

सभी उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को भी समझना बहुत जरूरी है. उपभोक्ता को चाहिए कि दवा हमेशा लाइसेंस धारी दुकान से ही खरीदे. दवा पर लिखे दिशानिर्देशों को भी ध्यान से पढ़े. खाने की सभी वस्तुओं और डीजल, पेट्रोल जैसी चीजों में मिलावट ना हो यह भी ध्यान रखें. आई. एस. आई. प्रमाणित वस्तुएं ही खरीदें. सभी पैकेट बंद चीजें और दवा की एक्सपायरी दिनांक देख कर ही लें

उपसंहार

इस प्रकार भारत के साथ-साथ विश्वभर में उपभोक्ताओं के संरक्षण हेतु विभिन्न प्रावधान हैं. ग्राहकों के विभिन्न हितों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस भी मनाया जाता है

वहीं हर साल 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस भी मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को उनके हितों के लिए बनाए गए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और उसके अंतर्गत आने वाले कानूनों की जानकारी देना है

“उपभोक्ता संरक्षण है जरूरी
जागरूकता है ना कि इक मजबूरी”

FAQ’s – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस कब मनाया जाता है ?

विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस हर साल 15 मार्च को मनाया जाता है

उपभोक्ता संरक्षण से क्या अभिप्राय है ?

बाजार में विभिन्न समस्याओं जैसे – ठगी, कालाबाजारी, मिलावट, जमाखोरी, आवश्यकता से अधिक दाम इत्यादि, से ग्राहकों के हितों की रक्षा करना उपभोक्ता संरक्षण कहलाता है

Read More :-

अंतिम शब्द

उम्मीद है उपभोक्ता संरक्षण पर निबंध (Essay on Consumer Protection in Hindi) को आप ने पूरा पढ़ा होगा और आपको यह निबंध पसंद आया होगा. यह निबंध आपके लिए कितना उपयोगी रहा कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं !

यह पोस्ट कितनी उपयोगी थी ?

Average rating / 5. Vote count:

अब तक कोई वोट नहीं, इस पोस्ट को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें

MDS Thanks 😃

पोस्ट अच्छी लगी तो सोशल मीडिया पर हमें फॉलो करें

हमें खेद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी नहीं थी !

हमें बताएं कि हम इस पोस्ट को कैसे बेहतर बना सकते हैं ?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker