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वायु प्रदूषण पर निबंध

Sachin Sajwan by Sachin Sajwan
in Hindi Essay

Vayu Pradushan Par Nibandh : दोस्तों क्या आप वायु प्रदूषण पर निबंध खोज रहे हैं तो यह पोस्ट आपके लिए एकदम सही है

इस पोस्ट में आज आपको मैं वायु प्रदूषण पर एक अच्छा सा निबंध कैसे लिखा जाए इसके बारे में जानकारी दूंगा और साथ ही में बताऊंगा कि वायु प्रदूषण के कारण, वायु प्रदूषण के प्रभाव और वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय क्या-क्या है. आइए वायु प्रदूषण पर निबंध { Essay on Air pollution in Hindi } जानते हैं

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वायु प्रदूषण पर निबंध – Essay on Air Pollution in Hindi
प्रस्तावना
वायु प्रदूषण के कारण
वायु प्रदूषण के प्रभाव
वायु प्रदूषण को रोकने के उपाय
वायु प्रदूषण के समक्ष भारत सरकार के प्रयास
उपसंहार

वायु प्रदूषण पर निबंध – Essay on Air Pollution in Hindi

वायु प्रदूषण पर निबंध, Essay on air pollution in Hindi, vayu pradushan par nibandh

प्रस्तावना

धरती पर जीवित रहने के लिए प्रत्येक जीव जंतु को एक अच्छे वातावरण की आवश्यकता होती है और स्वच्छ वातावरण से ही उसका विकास संभव है. वायु जीवित रहने के लिए एक अति आवश्यक तत्व है

लेकिन मनुष्य सभ्यता वायु प्रदूषण फैलाने में सबसे अव्वल नंबर पर है. वायु प्रदूषण के चलते विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना मनुष्य ही नहीं बल्कि सभी जीव जंतुओं को भी करना पड़ रहा है

जब मानवीय या प्राकृतिक कारणों से वायुमंडल की गैसों की निश्चित मात्रा और अनुपात में अवांछनीय परिवर्तन हो जाता है या वायु में इन गैसों के अतिरिक्त कुछ अन्य विषैली गैसों या पदार्थों का मिल जाना वायु प्रदूषण कहलाता है

वायु प्रदूषण के कारण

  • वायु प्रदूषण प्राकृतिक एवं मानवीय कारणों द्वारा होता है. प्राकृतिक कारणों में ज्वालामुखी विस्फोट, जंगल की आग, पशुओं द्वारा जुगाली की क्रिया, कोहरा, उल्कापात आदि है. परंतु प्राकृतिक स्रोतों से उत्पन्न वायु प्रदूषण कम खतरनाक होता है क्योंकि प्रकृति में स्व-नियंत्रण की क्षमता होती है.
  • मानवीय क्रियाकलापों में मोटर वाहनों का अंधाधुंध प्रयोग, वनोन्मूलन, लकड़ी, कोयला, एवं उपले जैसे पदार्थों को जलाने से उत्पन्न धुआं, कारखानों से निकला धुआं, ताप विद्युत गृह, कृषि कार्य, खनन, रासायनिक पदार्थ आदि का प्रयोग करने से वायु प्रदूषण में वृद्धि हो रही है.
  • तीसरा मूल कारण यह है कि विकसित तथा विकासशील देशों में विकास एवं अन्य मानकों में आगे निकलने की प्रतिस्पर्धा ने पर्यावरण को इतना अधिक प्रदूषित किया है कि आज वैश्विक परिदृश्य में जलवायु परिवर्तन, भूमंडलीय तापन तथा ओजोन क्षरण की समस्या ने मानव के अस्तित्व के समक्ष ही संकट खड़ा कर दिया है.

वायु प्रदूषण के प्रभाव

वातावरण में अवांछित गैसों की उपस्थिति से मनुष्य, पशु तथा पक्षियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है इससे दमा, अंधापन, सुनने की क्षमता में कमी, त्वचा रोग आदि बीमारियां पैदा होती है

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रत्येक वर्ष 4 से 6 लाख लोगों की मौत का मुख्य कारण वायु प्रदूषण होता है

दुनिया भर की बीमारियों पर नजर रखने वाली संस्था ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजीज के अनुसार भारत में वायु से जुड़ी बीमारियां बड़ी तेजी से ऐसी खतरनाक महामारी में परिवर्तित होती जा रही है. जिन पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया तो इसके परिणाम भयंकर होंगे

वायु प्रदूषण के कारण अम्लीय वर्षा का खतरा बढ़ गया है. क्योंकि वर्षा के जल में सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड आदि जहरीली गैसों के घुलने की संभावना बढ़ी है जिससे पेड़ पौधों एवं ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुंचा है

वायु प्रदूषण को रोकने के उपाय

  • स्वचालित वाहनों में यथासंभव पेट्रोल के स्थान पर संपीड़ित प्राकृतिक गैस (CNG) का उपयोग किया जाए.
  • वर्तमान वायु प्रदूषण के स्तरों की जांच के लिए व्यापक सर्वेक्षण और अध्ययन किया जाए और प्रदूषण की नियमित मॉनिटरिंग की जानी चाहिए.
  • ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के प्रयोग को बढ़ाया जाए. जैसे – पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, जल विद्युत ऊर्जा आदि.
  • स्वचालित वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए गाड़ियों में स्क्रबर आदि लगे होने चाहिए.
  • फैक्ट्रियों की चिमनियों में बैग फिल्टर लगा होना आवश्यक है जिससे 50 माइक्रोमीटर से कम ब्यास वाले कणकीय पदार्थ पृथक किए जा सके.
  • डीजल की गाड़ियों में अति सूक्ष्म मात्रा में सल्फर युक्त डीजल (ULSD) या हरित डीजल का उपयोग किया जाए.
  • वाहनों के अन्य वैकल्पिक ईंधन जैसे बायोडीजल, कोलबैंड मीथेन आदि का भी प्रयोग किया जा सकता है.
  • प्रदूषण उत्पन्न करने वाली सामग्रियों तथा तत्वो जैसे ओजोन क्षरण करने वाले क्लोरोफ्लोरो कार्बन के उत्पादन व उद्योग में भारी कटौती होनी चाहिए.

वायु प्रदूषण के समक्ष भारत सरकार के प्रयास

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) भारत में परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम का संचालन करता है. जिसे राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम के नाम से जाना जाता है

इसका मुख्य उद्देश्य परिवेशी वायु गुणवत्ता मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करना तथा वायु प्रदूषण के नियंत्रण व निवारण हेतु कदम उठाना है

इसे वर्ष 1982 में लागू किया गया था. वर्ष 1981 में भारत सरकार द्वारा वायु अधिनियम 1981 आरंभ किया गया था. इस अधिनियम के अनुसार केंद्र व राज्य सरकार दोनों को वायु प्रदूषण से होने वाले प्रभाव का सामना करने के लिए निम्नलिखित शक्तियां दी गई है

  • राज्य के किसी भी क्षेत्र को वायु प्रदूषित क्षेत्र घोषित करना और प्रदूषण नियंत्रित क्षेत्र में औद्योगिक क्रियाओं को रोकना.
  • औद्योगिक इकाई स्थापित करने से पहले बोर्ड से अनुमति प्रमाण पत्र लेना.
  • प्रदूषित इकाइयों को बंद करने का अधिकार इत्यादि.
  • मौसम विभाग मंत्रालय द्वारा अक्टूबर 2014 में वायु गुणवत्ता सूचकांक जारी किया गया जिसका उद्देश्य देश के प्रमुख शहरों में हवा की गुणवत्ता की निगरानी करना है.
  • भारत में हवा की गुणवत्ता की जांच करने वाली मोबाइल ऐप सेवा सफर का विकास किया गया.
  • भारत सरकार द्वारा 2018 में ग्रीन गुड डीड्स कार्यक्रम शुरू किया गया. इसके तहत आम लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना और उसे संरक्षित करना शामिल था.

उपसंहार

हम सभी जानते हैं कि वायु हमें जीवित रखने के लिए अति आवश्यक है. इसीलिए हमें वायु प्रदूषण पर विशेष ध्यान देना होगा और इसकी शुरुआत हम अपने घर से ही कर सकते हैं

हमें खाली स्थान में अधिक से अधिक पौधे लगाने होंगे तथा पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले कारकों को समाप्त करने का प्रयास करना होगा. तभी वायु प्रदूषण से निजात पाया जा सकता है और एक सुखमय जीवन की कल्पना की जा सकती है

Read More –

  • जल प्रदूषण क्या है और जल प्रदूषण के कारण
  • प्राकृतिक आपदा पर निबंध
  • कोरोना वायरस पर निबंध
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध

संक्षेप में

दोस्तों उम्मीद है आपको वायु प्रदूषण पर निबंध – Essay on Air pollution in Hindi अच्छा लगा होगा. अगर आपको यह निबंध कुछ काम का लगा है तो इसे जरूर सोशल मीडिया पर शेयर कीजिएगा.

अगर आप नई नई जानकारियों को जानना चाहते हैं तो MDS BLOG के साथ जरूर जुड़िए जहां की आपको हर तरह की नई-नई जानकारियां दी जाती है MDS BLOG पर यह पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!

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