Water Pollution Essay in Hindi : जल जीवन पनपने की मूल इकाईयों में से एक है. जल प्रकृति द्वारा दिया गया एक ऐसा उपहार है जिसने की संपूर्ण प्राणी जगत को जीवन दिया है लेकिन मनुष्य ने जल के महत्व को अभी तक सही ढंग से नहीं समझा है वह दिन प्रतिदिन जल को प्रदूषित करता ही जा रहा है
क्या आप जल प्रदूषण पर निबंध हिंदी में लिखना चाहते हैं तो आपने एकदम सही पोस्ट को चुना है. आज मैं आपको सिखाऊंगा कि जल प्रदूषण पर किस प्रकार निबंध लिखा जाता है. तो आइए पढ़ते हैं
जल प्रदूषण पर निबंध – Water Pollution Essay in Hindi

“जल को दूषित होने से बचाएं
पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं”
प्रस्तावना
जल पर्यावरण का एक अभिन्न अंग है. जल के बिना हम जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है
परन्तु आज औद्योगिकीकरण के युग में धरती पर जल प्रदूषण एक लगातार बढ़ती समस्या बनता जा रहा है जो मानवों के साथ-साथ जीव-जन्तुओं को भी प्रभावित कर रहा है
जल प्रदूषण से तात्पर्य
मानव गतिविधियों के द्वारा उत्पन्न जहरीले प्रदूषकों से पीने के पानी का गन्दा होना ही जल प्रदूषण है. दूसरे शब्दों में कहें तो पानी के रासायनिक तथा भौतिक गुणों में परिवर्तन होना जल प्रदूषण कहलाता है
नदी, झीलों, तालाबों, भूगर्भ और समुद्र के पानी में ऐसे पदार्थ मिल जाते जिससे पानी जीव-जंतुओं और प्राणियों के प्रयोग करने के लिए योग्य नहीं रहता जिस कारण पानी में रहने वाले जीव जंतुओं के जीवन पर संकट छा जाता है
जल प्रदूषण का कारण
जल प्रदूषण का प्रमुख कारण उद्योग धंधों, कल-कारखानों के जहरीले रासायनिक कचरे को नदियों और तालाबों में छोड़ना है. एक रिपोर्ट के अनुसार, गंगा नदी जो देश की सबसे पवित्र नदी मानी जाती है उसमें रोज लगभग 1600 मिलियन लीटर सीवेज और 300 मिलियन लीटर औद्योगिक कचरा लगातार छोड़ा जा रहा है जोकि दिन-प्रतिदिन गंगा नदी को प्रदूषित कर रहा है
इसके अलावा घरेलू कचरे का नदियों और तालाबों में फेंका जाना, खेतों में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग, दुर्घटना हो जाने पर समुंद्री जहाजों के ईंधन का समुद्र में फैल जाना, जल में परमाणु परीक्षणों का किया जाना आदि जल प्रदूषण के मुख्य कारणों में आते हैं. मरे जीवों के जीवाश्मों और मृदा अपरदन से भी जल दूषित होता है
जल प्रदूषण के गंभीर प्रभाव
जल प्रदूषण संपूर्ण जगत की एक बहुत बड़ी समस्या बन चुका है. दूषित पानी का प्रयोग अत्यंत हानिकारक साबित हो रहा है जिसके फलस्वरूप मनुष्य में हैजा, पेचिश, क्षय और उदर संबंधित रोग जन्म ले रहे हैं
जल में कारखानों से अवशिष्ट पदार्थ आकर मिलते हैं तो जल प्रदूषण के साथ ही वातावरण भी गर्म होता है जिसकी वजह से वहाँ के जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की संख्या कम होती जा रही है और जलीय परितंत्र पूरी तरह नष्ट होता जा रहा है. इसी प्रकार जब प्रदूषित जल से सिंचाई की जाती है तो उसका सीधा प्रभाव मिट्टी की उर्वरा क्षमता पर भी पड़ता है
जल प्रदूषण को रोकने के उपाय
जल प्रदूषण की रोकथाम हेतु निम्नलिखित उपायों को अपनाना चाहिए :-
- हमारी सरकार को जल प्रदूषण से होने वाली हानियों के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए
- कूड़ा-कचरा और प्लास्टिक को समुद्र में नहीं फेंकना चाहिए बल्कि रीसायकल कर ऊर्जा पैदा करने में उपयोग किया जाना चाहिए
- कारखानों और उद्योगों द्वारा समुद्र में गंदगी छोड़े जाने पर सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए
- जैविक कृषि को अधिक बढ़ावा मिलना चाहिए और रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कम होना चाहिए
- नदियों और तालाबों के किनारे कपड़े नहीं धोने चाहिए क्योंकि इससे डिटर्जेंट अधिक मात्रा में पानी में फैलता है और पानी को प्रदूषित करता है
- जानवरों को तालाबों में नहाने से रोकना चाहिए क्योंकि तालाब का पानी स्थिर होने से जानवरों के नहाने पर वह पानी धीरे-धीरे गंदा होने लगता है
- गांवों, कस्बों और शहरों में कम से कम 1 साल में नदियों और तालाबों को जरूर स्वच्छ करने का प्रयास होना चाहिए
- कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को सफलतापूर्वक निष्कासन करने के लिए किसी नई तकनीक को अपनाने की आवश्यकता है
उपसंहार
जल प्रदूषण ने आज देशभर में विकराल रूप ले लिया है. अगर हम भविष्य में पानी के स्त्रोतों को सुरक्षित रखना चाहते हैं और पीने के लिए स्वच्छ पानी चाहते हैं तो हमें इसी समय से इस समस्या को दूर करने के लिए कदम उठाने होंगे. अगर हम इस मामले में देरी करेंगे तो यह और अधिक घातक सिद्ध होगा
“जल है अनमोल, इसे दूषित होने से बचाएं
एक अच्छा नागरिक होने का फर्ज निभाएं”
FAQ’s – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
जल प्रदूषण से क्या अभिप्राय है ?
पानी के भौतिक तथा रासायनिक गुणों में परिवर्तन आना जिसके फलस्वरूप पानी दूषित हो जाता है, जल प्रदूषण कहलाता है
जल प्रदूषण को कम करने के दो उपाय बताओ ?
1. जल प्रदूषण को कम करने के लिए लोगों को पानी का महत्व बताकर हम जल प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता फैला सकते हैं
2. जल प्रदूषण को कम करने के लिए हम नदियों तथा तालाबों को साफ करने का प्रयास कर सकते हैं
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संक्षेप में
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