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निबंध किसे कहते है इसकी परिभाषा, प्रकार और महत्व

क्या कभी आपके मन में यह प्रश्न आया है कि आखिर निबंध किसे कहते है और एक अच्छा निबंध कैसे लिखें? जहां तक मुझे लगता है कि कई सारे लोगों को सही मायने में निबंध का मतलब भी पता नहीं होगा

अगर आप भी उन्हीं लोगों में से हैं जोकि निबंध के बारे में जानना चाहते हैं कि निबंध क्या है, निबंध कितने प्रकार के होते हैं, निबंध के अंग कौन-कौन से हैं तथा निबंध कैसे लिखें तो यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी

दोस्तों निबंध शब्द से हम बचपन से ही वाकिफ होते हुए आ रहे हैं लेकिन अगर देखा जाए तो निबंध किसे कहते है यह बहुत कम लोगों को पता होगा. तो आज मैंने सोचा कि मैं आपको इसी विषय पर जानकारी देता हूं. दोस्तों मैं आपका MDS BLOG में हार्दिक स्वागत करता हूं तो आइए अब हम निबंध के बारे में जानते हैं

निबंध किसे कहते है ?

निबंध किसे कहते है

थोड़े किंतु चुने हुए शब्दों में किसी विषय पर अपने विचार प्रकट करने के प्रयत्न को निबंध कहते हैं. निबंध के विषयों की कोई निश्चित सीमा नहीं होती है. चींटी से लेकर अंतरिक्ष में जाने वाले स्पेसशटल तक किसी भी विषय पर निबंध लिखे जा सकते हैं

निबंध की परिभाषा क्या है ?

निबंध ‘नि’ और ‘बंध’ दो शब्दों के मेल से बना हुआ है. जिसका तात्पर्य है – नियमों से बंधी हुई गद्य रचना या लेख, हिंदी के शब्द निबंध को अंग्रेजी में Essay का पर्याय माना गया है

अंग्रेजी के Essay शब्द का अर्थ होता है – विशेष पर एक छोटा लेख, किंतु यह जरूरी नहीं कि किसी विषय पर लिखा गया कोई निबंध छोटा ही हो यह अति विस्तृत भी हो सकता है

कुछ विद्वानों ने निबंध शब्द की व्याख्या इस प्रकार की है कि – सभी प्रकार के बंधनों से मुक्त रचना निबंध कहलाती है. जबकि उनकी यह व्याख्या प्रत्येक स्थिति में सार्थक नहीं कही जा सकती

यह विचारों की स्वतंत्रता तक तो ठीक है किंतु इन विचारों की प्रस्तुति यदि सार्थक ना हो तो प्रभावशाली ढंग से यह पाठकों पर अपना पूर्ण प्रभाव नहीं डाल पाएगा

एक अच्छा निबंध कैसे लिखें ?

निबंध का आरंभ ऐसे सुंदर ढंग से होना चाहिए कि निबंध पढ़ने वाले की उत्सुकता आरंभ में ही बढ़ जाए और वह उसे पूरा पढ़ने को बाध्य हो जाए. मौलिकता, मनोरंजनकता तथा विचार पूर्णता निबंध के आवश्यक गुण होते हैं. निबंध लिखते समय हमें इन पर विशेष ध्यान देना चाहिए

दोस्तों मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं पुस्तकों तथा पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन निबंध लेखन का सर्वोच्च माध्यम है. जितना अधिक हम पुस्तकों तथा पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन करेंगे उतना ही विषयों के बारे में विस्तृत ज्ञान हमें प्राप्त होगा

जितने अच्छे हमारे विचार पुस्तकों तथा पत्र-पत्रिकाओं को पढ़कर होते हैं उतने ही अच्छे तरीके से हमारा ज्ञान भी बढ़ता है इससे निबंध लिखने में आसानी होगी

निबंध का महत्व 

मनुष्य अपने विचारों को अभिव्यक्त करने के लिए भाषा के मौखिक अथवा लिखित रूप का सहारा लेता है. विचारों को बोलकर व्यक्त करने को मौखिक अभिव्यक्ति कौशल एवं उन्हें लिखकर व्यक्त करने को लेखक कौशल कहा जाता है इन्हीं अभिव्यक्ति कौशलों से मनुष्य के व्यक्तित्व की परीक्षा होती है

यह आवश्यक नहीं कि जो व्यक्ति मौखिक अभिव्यक्ति कौशल में माहिर हो, जैसा एक वक्ता होता है वह किसी लेखक की तरह लेखन कौशल में भी माहिर हो, इसी तरह एक अच्छा लेखक अच्छा वक्ता हो यह भी आवश्यक नहीं

किंतु सामान्य रूप से एक शिक्षित मनुष्य से यह आशा अवश्य की जाती है कि वह भले ही एक अच्छा वक्ता एवं लेखक ना हो पर मौखिक ही नहीं, लिखित रूप में अपने विचारों को भलीभांति अवश्य अभिव्यक्त कर सकेगा

किसी व्यक्ति के लेखन कौशल की जांच के लिए सामान्यतः पत्र लेखन एवं निबंध लेखन का ही सहारा लिया जाता है. पत्र लेखन से किसी विषय पर व्यक्ति की सोच की पूरी जांच संभव नहीं है. जबकि निबंध लेखन द्वारा न केवल व्यक्ति के ज्ञान, अनुभव, सोच एवं भावना का पता लगाया जाता है बल्कि साथ ही साथ उसके लेखन कौशल की भी परीक्षा हो जाती है

इसी तरह निबंध के माध्यम से काफी हद तक किसी के व्यक्तित्व का मूल्यांकन किया जा सकता है. इसीलिए निबंध को व्यक्ति की सोच और व्यक्तित्व का आईना भी कहा जाता है. इन सबके अतिरिक्त प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ-साथ अकादमी परीक्षाओं में भी बेहतर सफलता के दृष्टिकोण से निबंध लेखन अति महत्वपूर्ण है

निबंध के कितने अंग होते हैं ?

मुझे पता है निबंध के बारे में जानने के बाद अब आप निबंध के कौन-कौन से अंग होते हैं? यह जानना चाहते हैं. तो दोस्तों मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं किसी भी निबंध लेखन में तीन मुख्य अंग होते हैं

  • प्रस्तावना
  • प्रसार
  • उपसंहार

प्रस्तावना क्या है

प्रस्तावना में निबंध की अहम भूमिका रहती है इसमें विषय का परिचय दिया जाता है अर्थात शीर्षक के अंतर्गत लेखक यह स्पष्ट करता है कि वह विषय के संबंध में क्या कहना चाहता है

प्रसार क्या है

प्रसार निबंध का शरीर कहा जा सकता है यह निबंध का सबसे विस्तृत तथा महत्वपूर्ण अंश होता है इसमें निबंध-लेखक को विषय के संबंध में अपना पूरा ज्ञान संक्षिप्त और मनोरंजक शैली में उपस्थित कराना होता है

उपसंहार क्या है

निबंध का अंतिम भाग उपसंहार होता है इसमें निबंध के आरंभ से अंत तक का संक्षिप्त विवरण कुछ मुख्य तथ्यों में किया जाता है यानी कि छोटे और आसान शब्दों में निबंध लेखक अपनी बात समझाता है और निबंध का सिंहावलोकन-सा किया जाता है

निबंध कितने प्रकार के होते हैं ?

निबंध के प्रकार

  • वर्णनात्मक निबंध
  • आख्यानात्मक निबंध
  • विश्लेषणात्मक निबंध
  • ललित निबंध
  • विचारात्मक निबंध
  • भावना प्रधान निबंध
  • तर्क प्रधान निबंध

वर्णनात्मक निबंध

वर्णनात्मक निबंध में किसी वस्तु, पदार्थ, स्थान, यात्रा, घटना या दृश्य आदि का वर्णन किया जाता है इसमें प्रमाण नहीं दिया जाता है केवल वर्ण्य विषय का यथार्थ चित्रण किया जाता है

आख्यानात्मक निबंध

इस प्रकार का निबंध किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के जीवन को आधार बनाकर लिखा जाता है. आख्यानात्मक निबंध में व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक, आर्थिक परिचय नहीं दिया जाता वरन उसके व्यक्तित्व पर भी प्रकाश डाला जाता है और उसके गुण-दोषों का विवेचन किया जाता है

विश्लेषणात्मक निबंध

ऐसे निबंध विषय वस्तु का विश्लेषणात्मक विवरण होता है. इन्हें विवरणात्मक निबंध भी कहा जाता है. इनमें तथ्यों के आधार पर विश्लेषण के माध्यम से ज्ञान वर्धन पर जोर दिया जाता है. अर्थव्यवस्था एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध जैसे विषय पर आधारित निबंध इसी श्रेणी में आते हैं

ललित निबंध

ऐसे निबंध जो भाषा शैली, वाक्य रचना, अलंकार, मुहावरे इत्यादि के प्रयोग द्वारा इस प्रकार लिखे जाते हैं कि उनकी पठनीयता ही नहीं, बल्कि भाषा सौंदर्य भी पाठक को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त होते हैं. ऐसे निबंध को ललित निबंध कहा जाता है. वर्णनात्मक, विश्लेषणात्मक, विचारात्मक एवं भावनात्मक इन सभी प्रकार के निबंधों को ललित निबंध के रूप में लिखा जा सकता है

विचारात्मक निबंध

विचारात्मक निबंध में किसी विषय अथवा भाव को लेकर निबंध की रचना की जाती है. दर्शन, अर्थशास्त्र, राजनीति, धर्म, संस्कृति, सभ्यता, विज्ञान, इतिहास आदि से संबंध रखने वाले विषय विचारात्मक निबंध के अंतर्गत आते हैं. दोस्तों मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं विचारात्मक निबंध दो प्रकार के होते हैं

  • भावना प्रधान निबंध
  • तर्क प्रधान निबंध

भावना प्रधान निबंध 

इस प्रकार के निबंध के अंतर्गत अपने मन की भावनाओं में बहता हुआ लेखक भावुक शैली में अपनी बात कहता है. वह अपने भाव को सही मानते हुए जो कुछ मन में आए उसी को अपनी शब्दावली में व्यक्त करता है

तर्क प्रधान निबंध

तर्क प्रधान निबंध में विचार को तर्क अथवा युक्ति प्रमाण की आधार पर सिद्ध करने का प्रयत्न किया जाता है. कभी-कभी किसी विचार का विश्लेषण या विवेचन भी किया जाता है इसमें किसी भाव या विचार पर वाद-विवाद भी किया जाता है इसके अंतर्गत किसी वस्तु, विषय अथवा रचना की आलोचना तथा प्रत्यालोचना भी की जाती है

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FAQ’s – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

निबंध का क्या अर्थ है ?

निबंध ‘नि’ और ‘बंध’ दो शब्दों के मेल से बना हुआ है. जिसका अर्थ है – नियमों से बंधी हुई गद्य रचना या लेख

निबंध के प्रधान अंग कौन कौन से हैं ?

प्रस्तावना, प्रसार और उपसंहार निबंध के तीन प्रमुख प्रधान अंग हैं

संक्षेप में

दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको यह जानकारी निबंध किसे कहते है? जरूर पसंद आई होगी. अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर कीजिएगा MDS Blog से जुड़ने के लिए धन्यवाद!

MDS BLOG पर प्रकाशित निबंध आपको MDS LATEST ESSAY में दिए गए हैं. अगर आप उन्हें जानने के इच्छुक है तो उन्हें पढ़ सकते हैं

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