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जबरदस्त हिंदी नैतिक कहानियां : Top 10 Moral Stories in Hindi

TOP 10 Moral Stories in Hindi : नैतिक कहानियां हमें जीवन में एक सकारात्मक सोच की और प्रोत्साहित करती है तथा कहानियां शिक्षा का एक सबसे अच्छा माध्यम भी होती है. यदि बात छोटे बच्चों की करें, जिनका मन कोरे पन्ने की तरह होता है तो नैतिक कहानियां सुनाकर उन्हें एक बेहतर इंसान बनाया जा सकता है

हम सभी जानते हैं शिक्षा जीवन के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन शिक्षा से भी अधिक महत्वपूर्ण नैतिकता है जोकि इंसानियत का परिचय देती है. विभिन्न प्रकार की कहानियों को पढ़कर हम उनसे जीवन के लिए कुछ बेहतरीन सीख ले सकते हैं

तो आज मैंने इस पोस्ट के माध्यम से Best Short Moral Stories in Hindi का शानदार कलेक्शन आपके लिए तैयार किया है और मुझे उम्मीद है आपको यह जरूर पसंद आएगा. यह कहानियां आपके जीवन में रंग भर देंगी और आपकी सोच को काफी हद तक बदलने में सहायता करेंगी, इसीलिए यह कहानियां बच्चों को जरूर सुनाएं

10+ हिंदी नैतिक कहानियां – Top 10 Moral Stories in Hindi

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बच्चों को बेहतरीन कहानियों से रूबरू कराने के लिए आज मैंने Panchatantra short stories in hindi with moral लिखी हुई है. उम्मीद रहेगी कि ये Top 10 Hindi Moral Stories को पढ़कर आपको बहुत मजा आएगा और आप इन कहानियों से अच्छी प्रेरणा लेकर अपने जीवन में आप उनका अनुसरण करेंगे. तो आइए पढ़ते है

हाथी और दर्जी की कहानी

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एक समय की बात है. किसी गांव में एक हाथी नहाने के लिए रोज गांव के तालाब में जाता था. तालाब में डुबकी लगाकर वह वापस लौट आता, रास्ते में एक दर्जी की दुकान थी

हाथी तालाब से वापस लौटते समय रोज उस दर्जी की दुकान पर रुकता था. दर्जी रोज उसे एक केला खिलाता था. हाथी केला खाकर अपने घर चला जाता

एक दिन जब हाथी तालाब में नहा कर घर आ रहा था तो वह रोज की तरह दर्जी की दुकान पर रुका, लेकिन उस दिन दर्जी का मूड ठीक नहीं था

उस दिन दर्जी ने उसे केला नहीं दिया. इसके बजाय दर्जी ने हाथी की सूंड में सुई चुभा दी. इससे हाथी को बहुत दर्द हुआ और उसे दुख भी हुआ. उस समय हाथी वहां से चला गया

रोज की तरह हाथी अगले दिन भी तालाब पर नहाने के लिए गया. वहां से लौटते समय हाथी ने अपनी सूंड में कीचड़ भर लिया और दर्जी की दुकान की तरफ चल पड़ा

जब वह दर्जी की दुकान पर पंहुचा, तो उसने अपनी सूंड में भरे कीचड़ को दर्जी की दुकान पर टंगे हुए कपड़ों पर उड़ेल दिया. जिससे दर्जी के सारी सिले हुए कपड़े गंदे हो गए

दर्जी यह सब देखकर बहुत ही दुखी हुआ और उसे अपनी गलती का एहसास हुआ. इस तरह दर्जी ने अपने द्वारा किए गए बुरे कर्म का बहुत पछतावा किया. उसने हाथी से माफी भी मांगी

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

दूसरों का बुरा करने वाले के साथ हमेशा बुरा ही होता है. इसीलिए अच्छे कर्म करके सुखी जीवन का आनंद लें

चालाक लोमड़ी और बकरी की कहानी

एक बार जंगल में एक लोमड़ी घूम रही थी. जंगल मे घूमते-घूमते वह एक कुएं के पास पहुँची. कुएं के पास बहुत पेड़ होने के कारण उसकी नजर कुएं पर नहीं पडी और वो कुएं मे गिर गयी

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लोमड़ी पूरी शक्ति लगाकर कुएं के बाहर आने की कोशिश कर रही थी लेकिन कुआ गहरा होने की वजह से बाहर नहीं निकल पा रही थी. अंत मे लोमड़ी हताश होकर बैठ गयी और मदद के लिए किसी के आने का इंतजार करने लगी

तभी वहां एक बकरी आयी. लोमड़ी को देखकर बकरी बोली – ‘इस कुएं में तुम क्या कर रही हो ?’ लोमड़ी ने बडी चालाकी से उत्तर दिया – ‘मैं यहां घास खाने के लिए आयी हूँ, यहां की घास बडी स्वादिष्ट है’

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ये सुनकर बकरी बोली – ‘तुम कब से घास खाने लगी हो ?’ इस पर लोमडी बोली – ‘यहां की घास इतनी स्वादिष्ट है कि किसी का भी खाने का मन करेगा’ यह सुनकर बकरी के मन में लालच आ गया और वह घास खाने के लिए कुए में कूद पडी

जैसे ही बकरी कुए में आयी लोमड़ी उसके पीठ पर चढकर, उछलकर कुए से बाहर निकल गयी. इस प्रकार चालाक लोमडी ने चतुराई से बकरी का सहारा लेकर खुद को कुए से बाहर निकाला. बकरी को सच जानकर बहुत दुःख हुआ

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⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए और मुसीबत के समय धैर्य तथा बुद्धि से काम लेना चाहिए

चूहे और भगवान की कहानी

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एक समय की बात है. एक चूहा था, वह हमेशा यह सोचता रहता था कि भगवान ने उसके साथ कितना गलत किया है उसे एक चूहा बनाकर, क्योंकि उसे हमेशा बिल्लियों से खतरा बना रहता था

वह बोलने लगा काश मैं बिल्ली होता तो कितना अच्छा होता. यह सुनकर भगवान को चूहे पर दया आ गई और भगवान ने उसे एक बिल्ली बना दिया. बिल्ली बनने के बाद वह बहुत खुश हुआ लेकिन कुछ समय बाद वह कुछ कुत्तों से डरने लगा

चूहा फिर सोचने लगा काश में कुत्ता होता तो मैं कहीं भी निडर होकर जा सकता था. फिर भगवान ने उसे कुत्ता बना दिया, कुत्ता बनने के बाद वह खूब घूमा. एक दिन वह घूमते घूमते जंगल चला गया तो उसके पीछे एक शेर पड़ गया. वह बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाकर वहां से भाग पाया

फिर उसने मन ही मन कहा कि काश मैं एक शेर होता तो मुझे किसी का डर नहीं होता. भगवान ने उसे शेर भी बना दिया. तब वह बहुत खुश हो गया और पूरे जंगल में सारे जानवर उससे डरते थे

एक दिन उस जंगल में शिकारी आया तथा वह शेर को मारने के लिए तीर चलाने लगा. उस तीर से बचने के लिए वह गुफा की ओर भागा और वही छुप गया. फिर उसने सोचा कि यह भी कोई जिंदगी है, काश में मनुष्य होता

इस बार भगवान को उस पर दया नहीं आई और उन्होंने उसे फिर से चूहा बना दिया. भगवान ने उस चूहे से कहा मैं तुम्हें कुछ भी बना दूं पर तुम रहोगे तो चूहे ही

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

यह कहानी हमें सीख देती है कि जो व्यक्ति अपनी परिस्थितियों से घबरा कर पलायन करता है, उसे चाहे कितनी भी सुख-सुविधाएँ दे दी जाय पर वह हमेशा असंतुष्ट ही रहेगा

हमें कभी भी अपनी परिस्थितियो से घबरा कर पलायन नहीं करना चाहिए. चाहे दुःख कितना ही बड़ा हो या आपके हालात उस समय आपके पक्ष में न हो. आपको घबराना नहीं चाहिए और उन परिस्थितियो में खुद को मजबूत बनाकर उनका सामना करना चाहिए.

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मेहनत की कमाई

शामू एक आलसी लड़का था. वह हमेशा अपना समय व्यर्थ गंवाता था. इस कारण वह हमेशा काम से जी चुराता था. एक दिन अचानक घर आते समय रास्ते में उसे रुपयों से भरा बैग मिला

इससे वह अपने भाग्य पर बड़ा खुश हुआ. वह यह सोंचकर खुश हो रहा था कि उसे बिना किसी प्रयास और मेहनत के ही इतना सारा धन मिल गया. शामू ने कुछ पैसों से खाने-पीने का सामान खरीदा, कुछ नए कपड़े खरीदे व अन्य सामान भी खरीदा

इस प्रकार शामू ने अपने पैसों को व्यर्थ खर्च करना शुरू कर दिया. इस पर शामू की माँ ने कहा कि बेटा, पैसों को यूँ ही बर्बाद न करो. इन पैसों का उपयोग अपने किसी व्यवसाय को शुरू करने में करो. शामू बोला “माँ मेरे पास बहुत पैसा है, इसलिए मुझे काम करने की कोई अवश्यकता नहीं है”

धीरे-धीरे शामू ने अपना सारा पैसा खर्च कर दिया और अब उसके पास एक फूटी कौड़ी नहीं बची. इस प्रकार वह एक बार फिर उसी स्थिति में आ गया और तब श्यामू को यह एहसास हुआ कि यदि उसने यह धन अपनी मेहनत से कमाया होता तो उसने अवश्य ही उसकी कद्र की होती और उसकी उपयोगिता समझी होती

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि धन की उपयोगिता तभी समझ आती है जब वह धन मेहनत से कमाया गया हो

खरगोश की चतुराई

किसी जंगल में एक शेर रहता था. वह जंगल में रहने वाले जानवरों को प्रतिदिन मारकर खा जाता था जिस कारण जंगल के सभी जीव-जंतु शेर से बहुत डरते थे और उससे बहुत परेशान हो चुके थे. एक बार सभी जानवरों ने शेर के साथ मिलकर समझौता किया कि वे प्रतिदिन एक जानवर को शेर के पास भेजेंगे

शेर भी ये समझौता स्वीकार कर लेता है और फिर सभी जानवर बिना डर के जंगल में घूमने लगते हैं. एक दिन, एक खरगोश की बारी आई वह धीरे-धीरे शेर के पास जा ही रहा था कि अचानक रास्ते में उसे एक तरकीब सूझी, वह बहुत देर से शेर के पास पहुँचा

शेर भूखा होने के कारण बेचैन अपनी गुफा के बाहर चक्कर लगा रहा था. खरगोश को देखते ही शेर गरजा और बोला, अरे खरगोश तुम इतनी देर से क्यों आए हो, भूख से मेरी जान निकली जा रही है. खरगोश बोला महाराज हम पाँच भाई, आपकी सेवा के लिए आ ही रहे थे परंतु रास्ते में एक दूसरा शेर मिल गया, वह बोला की वह जंगल का राजा हैं. उसने हम पर हमला कर दिया और मेरे भाईयो को खा गया

महाराज मैं किसी तरह जान बचाकर आपको यह संदेश देने पंहुचा हूँ. यह बात सुनकर शेर बहुत क्रोधित हुआ और बोला, कहाँ है वो दुष्ट जो अपने आप को राजा बता रहा है. मुझे दिखाओ मैं अभी उसका काम तमाम करता हूँ

खरगोश शेर को जंगल के एक पुराने कुए के पास ले गया. जब शेर ने कुए में झाका तो उसे अपनी परछाई दिखाई दी और उसे दूसरा शेर समझकर वह जोर से गरजा, क्रोधित होकर उसने कुए के अंदर छलांग दी

परंतु उस कुए के अंदर कोई दूसरा शेर नहीं था. वहाँ तो केवल जल ही जल था. बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था. शेर बहुत देर तक पानी में झटपटाता रहा और वहीं डूब के मर गया. इस प्रकार नन्हे खरगोश ने अपनी चतुराई से अपनी तथा अन्य जानवरों की जान बचा ली

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

समस्या के समय हमें सही सूझबूझ के साथ निर्णय लेना चाहिए

हमें कभी भी क्रोध नहीं करना चाहिए, यह हमारे अंत का कारण होता है

कबूतर और शिकारी की कहानी

एक बार एक शिकारी शिकार करने गया. शिकारी को सुबह से शाम हो गयी लेकिन उसके हाथ कुछ ना लगा. अचानक शिकारी के जाल में एक कबूतर फस गया. शिकारी उस कबूतर को देखकर बहुत खुश हुआ और शिकारी कबूतर को अपने साथ लेकर जाने लगा

रास्ते में कबूतर ने शिकारी से पूछा – ‘तुम मुझे कहाँ ले जा रहे हो?’ फिर शिकारी बोला – ‘मैं तुम्हें अपने घर ले जा रहा हूँ, मैं तुम्हें पकाकर खाऊँगा, बड़ा मजा आयेगा’

शिकारी की बात सुनकर कबूतर कुछ ढेर चुप रहा और थोड़ी देर बाद उससे बोला – ‘मेरा जीवन तो अब समाप्त होने वाला है लेकिन उससे पहले मेरी एक आखिरी इच्छा है’ शिकारी ने कबूतर से पूछा बताओ अपनी आखिरी इच्छा, मैं पूरी करूंगा उसे

कबूतर बोला मेरी माँ ने मरने से पहले मुझे दो काम की बात बताई थी. मरने से पहले मैं तुम्हें वो बातें बताना चाहता हूँ. शायद तुम्हारे कुछ काम आ जाये

पहली बात – किसी की भी बात पे बिना सोचे-समझे विश्वास नहीं करना चाहिए
दूसरी बात – कुछ बुरा होने पर या कुछ छूट जाने पर अफसोस नहीं करना चाहिए

कबूतर की बात सुनकर शिकारी आगे बढ़ने लगा. शिकारी कुछ ही दूर चला था कि कबूतर उससे बोला – ‘मेरे पास एक हीरे की अंगूठी है अगर मैं वो अंगूठी तुम्हें दे दूं तो क्या तुम मुझे आजाद कर दोगे’

हीरे का नाम सुनकर शिकारी के मन में लालच आ गया और उसने कहा मैं तुम्हें आजाद कर रहा हूँ. तुम जल्दी से वो हीरा लाकर मुझे दे दो. कबूतर आजाद होते ही दूर एक बड़े से पेड़ पर जाकर बैठ गया और शिकारी से बोला – ‘मेरे पास कोई हीरा नहीं है’

मैंने अभी तुमसे बोला था किसी की बात पे बिना सोचे समझे विश्वास नहीं करना चाहिए. कबूतर की बात सुनकर शिकारी बहुत दुःखी हुआ. उसे दुःखी देखकर कबूतर बोला मैंने तुम्हें यह भी बताया था कि कुछ बुरा होने या छूट जाने का दुःख नहीं करना चाहिए

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

परेशानी के समय हमें शांत दिमाग से काम लेना चाहिए जैसा कि कबूतर ने लिया. हमें कभी भी कुछ बुरा हो जाने या कुछ छूट जाने पर दुःखी नहीं होना चाहिए बल्कि अपनी उस भूल से सीख लेनी चाहिए ताकि भविष्य में कभी ऐसी गलती दोबारा न करें

सबसे खुश कौन !

एक कौआ था. वह हमेशा खुश रहता था. एक बार वह एक तालाब के किनारे पानी पीने के लिए आया. वहाँ उसने तालाब में तैरते हुए पक्षी हंस को देखा उसने सोचा “हंस कितना उजला है, यह तो पानी में अपने उजले-उजले पंखों को फैलाकर तैर भी सकता है. शायद इसलिए यही दुनिया का सबसे खुश पक्षी होगा”

कौआ हंस के पास गया और बोला – “तुम दुनिया के सबसे खुश पक्षी हो” यह सुनकर हँस को अच्छा तो लगा लेकिन वह बोला – “कौए भाई! मैं भी यही सोचा करता था कि मैं दुनिया का सबसे खुश पक्षी हूँ जब तक कि मैंने तोते को नहीं देखा था. तोते को देखने के बाद मुझे लगता है कि वह दुनिया का सबसे खुश पक्षी है”

कौआ बोला “वो कैसे?” हंस ने उत्तर दिया – ‘भाई, वह अपनी लाल चोंच से सबको लुभा सकता है और तो और वो आदमी की आवाज भी तो निकाल लेता है. इसलिए वही दुनिया का सबसे खुश पक्षी है”

अब कौआ तोते के पास जाकर बोला – “तोते भाई ! तुम ही दुनिया के सबसे खुश पक्षी हो” तोता उदास होकर बोला – “मैं भी पहले यही सोचता था कि मैं सबसे खुश पक्षी हूँ. लेकिन जब से मैंने मोर को देखा है, मुझे लगता है कि वो ही सबसे खुश पक्षी है क्योंकि उसके रंग-बिरंगे पंख हैं जिन्हें फैलाकर वह बारिश में नाचता है और लोगों को रिझाता है”

अब कौए ने सोचा “तोता बिल्कुल सही बोल रहा है. अब क्यों न मैं मोर के पास जाऊँ” कौआ मोर के पास गया. वहाँ वह पिंजरे में बंद था, जिसे बहुत से लोग देखने के लिए आए थे

कौआ मोर के पास आकर बोला – “मोर भाई ! तुम दुनिया के सबसे खुश पक्षी हो. तुम्हारे सिर पर कलगी है जिससे तुम एकदम राजकुमार की तरह दिखते हो. यहाँ देखो, कई लोग तुम्हारी सुंदरता को देखने आए हैं इसलिए तुम ही दुनिया के सबसे खुश पक्षी हो”

मोर बोला “मित्र ! मैं हमेशा यही सोचता था कि मैं दुनिया का सबसे खुश पक्षी हूँ. लेकिन मेरी खूबसूरती के कारण मुझे यहाँ पिंजरे में कैद कर लिया गया है, मैं सुंदर तो हूँ लेकिन खुश नहीं

अब मैं यह चाहता हूँ कि भले ही मेरे रंग-बिरंगे पंख नहीं होते, लेकिन तुम्हारी तरह मैं भी आजाद रहता, चिड़ियाघर में आने के बाद मुझे यही लगता है कि कौआ यानी कि तुम ही सबसे खुश पक्षी हो”

अब कौआ जान गया कि पक्षियों के लिए भी आजादी से बढ़कर कोई खुशी नहीं होती. हम किसी के ऊपरी दिखावे या रंग-रूप को देखकर उसे खुश नहीं मान सकते. खुश वही पक्षी है जो खुले आसमान में पंख फैलाकर आजाद रहता है

Short Moral Stories in Hindi

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

हमें अपनी कमियों को नजरअंदाज करके स्वयं पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए. हमें अपनी जिंदगी की तुलना दूसरों की जिंदगी के साथ नहीं करनी चाहिए

लालच का फल नैतिक कहानी

Moral Story in Hindi

किसी जंगल में तालाब के किनारे एक शेर रहता था. अब वह बूढ़ा हो गया था बुढ़ापे के कारण वह कमजोर भी हो गया था. उसके दाँत गिर गए थे उसके नाखून व पंजे भी कमजोर हो गए थे

वह न तो दौड़ सकता था और न ही अपने लिए शिकार करने में समर्थ था लेकिन उसके पास सोने का एक कंगन था

तालाब के पास से जब भी कोई राहगीर गुजरता, शेर उससे कहता – अरे भाई, तुम मेरे पास आओ मेरे पास सोने का एक कंगन है वह कंगन मैं तुम्हें दान करना चाहता हूँ. बुढ़ापे में मैं अब धर्मात्मा बन गया हूँ मेरा विश्वास करो

लेकिन किसी भी राहगीर ने शेर की बात पर विश्वास नहीं किया और सभी अपने रास्ते चलते बने

एक दिन एक व्यक्ति तालाब के पास से गुजर रहा था. उस व्यक्ति को देखते ही शेर ने फिर से कहा – भैया, जल्दी से इस तालाब में नहाकर मेरे पास आओ. मैं तुम्हें सोने का एक कंगन दान में दूँगा. मेरा समय अब समाप्त हो गया है और मैं मरने वाला हूँ. मरने से पहले मैं तुम्हें वह कंगन दान करना चाहता हूँ

वह व्यक्ति लालची था इसलिए शेर की बातों में आ गया. जैसे ही वह तालाब में नहाने के लिए अंदर उतरा, वैसे ही कीचड़ में फँस गया. उस व्यक्ति को कीचड़ में फँसा देखकर शेर मन ही मन बहुत खुश हुआ

शेर ने उस व्यक्ति से कहा – तुम बिल्कुल चिंता मत करो, मैं अभी आकर तुम्हें कीचड़ से निकाल दूँगा. यह कहकर शेर धीरे-धीरे उस व्यक्ति के पास पहुँच गया और उसे मारकर खा गया

प्यारे बच्चो! हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए क्योंकि लालच से आदमी का पतन होता है

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

  1. लालच बुरी बला है हमें इससे दूर रहना चाहिए
  2. लालच के कारण हम कभी भी संकट में पड़ सकते हैं
  3. लोभ और लालच करने से मनुष्य का पतन होता है

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साधू की झोपड़ी वाली कहानी

Moral Story in Hindi

किसी गाँव में दो साधू रहते थे. वे दिन भर भीख माँगते थे और मंदिर में पूजा करते थे. एक दिन गाँव में आँधी आ गयी और बहुत जोरों की बारिश होने लगी

दोनों गांव की सीमा से लगी एक झोपड़ी में रहते थे. शाम को जब दोनों वापस लौटे तो देखा कि आँधी तूफान के कारण उनकी झोपडी टूट गयी है

यह देखकर पहला साधू क्रोधित हो उठता है और बुदबुदाने लगता है – भगवान तू मेरे साथ हमेशा ही गलत करता है. मै दिन-भर तेरा नाम लेता हूँ. मंदिर में तेरी पूजा करता हूँ

फिर भी तूने मेरी झोपड़ी तोड़ दी. गाँव में चोर-लुटेरे, झूठे लोगों के तो मकानो को कुछ नहीं हुआ. बेचारे हम साधुओं की झोपडी ही तूने तोड दी. ये तेरा काम है. हम तेरा नाम जपते है पर तू हमसे प्रेम नही करता

तभी दूसरा साधु आता है और झोपड़ी को देखकर खुश हो जाता है. नाचने लगता है और कहता है कि भगवान आज विश्वास हो गया तू हमसे कितना प्रेम करता है

ये हमारी आधी झोपड़ी तूने ही बचाई होगी. वरना इतनी तेज आँधी में हमारी झोपड़ी कैसे बचती. ये तेरी ही कृपा है कि अभी भी हमारे पास सर ढकने के लिए जगह है. निश्चित ही ये मेरी पूजा का फल है. कल से मैं तेरी और पूजा करूँगा. मेरा तुझ पर विश्वास अब और बढ़ गया है

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

चाहे कितनी भी गम्भीर परिस्थिति हो हमें नकारात्मक सोच नहीं रखनी चाहिए और हमें अपने परमात्मा पर विश्वास रखना चाहिए

सियार की समझदारी हिंदी नैतिक कहानी

एक समय की बात है. एक पहाड़ी के जंगल में एक सियार रहता था. एक दिन जंगल में उसने एक मरा हुआ हाथी देखा उसे देख उसकी आंखें खिल गई. उसने हाथी के मृत शरीर पर दांत गड़ाए पर चमड़ी मोटी होने की वजह से वह हाथी को चीरने में नाकाम रहा

वह कुछ उपाय सोच ही रहा था कि उसे एक शेर आता हुआ दिखाई दिया. उसने तुरंत आगे बढ़कर शेर का स्वागत किया और हाथ जोड़कर कहा – स्वामी आपके लिए ही मैंने इस हाथी को मार कर रखा है. आप इस हाथी का मांस खाकर मुझ पर उपकार कीजिए

इतना सुनते ही शेर ने कहा – मैं तो किसी के हाथों मारे गए जीवों को खाता नहीं हूं इसे तुम ही खाओ इतना कहकर शेर वहां से चला गया. सियार मन ही मन थोड़ा खुश हुआ पर उसकी हाथी की चमड़ी को चीरने की समस्या अभी भी हल नहीं हुई थी

थोड़ी देर बाद उस तरफ एक बाघ आ निकला. बाघ ने हाथी को देखकर अपने होंठ पर जीभ फिराई. सियार ने उसकी मंशा भाँपते हुए कहा – आप इस मृत्यु के मुंह में कैसे आ गए है? शेर ने इसे मारा है और मुझे इसकी रखवाली करने को कहा है. एक बार किसी बाघ ने उनके शिकार को झूठा कर दिया था तब से आज तक वे बाघ जाति से नफरत करने लगे हैं. आज तो हाथी को खाने वाले बाघ को शेर जरूर मार कर आएंगे. यह सुनते ही बाघ वहां से भाग खड़ा हुआ

कुछ समय बाद सियार को चीता आता हुआ दिखाई दिया. सियार ने सोचा चीते के दांत बहुत नुकीले होते हैं क्यू ना कुछ ऐसा किया जाये कि चीता यह चमड़ी भी फाड़ दे और मांस भी ना खा पाये

उसने थोड़ा दिमाग लगाया जैसे ही उसके सामने चीता आया उसने चीते से कहा शेर ने इस हाथी को मारा है और मुझे इसकी रखवाली के लिए रखा है. तुम्हें देखकर लगता है तुम बहुत ज्यादा भुके हो. तुम चाहो तो मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूँ

उसने चीते से कहा – तुम इसमें से कुछ मांस खा सकते हो, मैं जैसे ही शेर को आता हुआ देखूंगा तुम्हें सूचना दे दूंगा तुम सरपट भाग जाना. पहले तो चीते ने शेर के डर से मांस खाने से मना कर दिया परंतु सियार के विश्वास दिलाने पर राजी भी हो गया

सियार ने थोड़ा दूर जाकर इधर-उधर झांकने का दिखावा किया और तिरछी नजरों से चीते पर नजर रखने लगा. चीते ने पलभर में ही हाथी की चमड़ी चीर दी. जैसे ही उसने मांस खाना शुरू किया वैसे ही सियार दौड़ते हुए आया और जोर-जोर से कहने लगा शेर आ गया, शेर आ गया. यह सुनकर चीता तुरंत वहां से दुम दबाकर भाग गया

सियार बहुत खुश हुआ. उसने कई दिनों तक मरे हाथी का मांस खाया. सिर्फ अपनी सूझबूझ से छोटे से सियार ने अपनी समस्या का हल निकाल लिया

⬆⬆ इस कहानी से सीखने योग्य बातें ⬇⬇

बुद्धि के प्रयोग से कठिन से कठिन काम भी संभव हो जाता है तथा कठिन समय में शांति से निर्णय लेना ही बेहतर रहता है

FAQ’s – कुछ गजब के प्रश्न

कहानियों को पढ़ने से क्या होता है ?

कहानियां पढ़ने से हम सभी का ज्ञान तो बढ़ता ही है, साथ ही साथ हमें जीवन में सही और गलत के रास्ते पर चलने की सीख भी मिलती है. इसीलिए हम सभी को कहानियां पढ़नी चाहिए

कहानियों से बच्चों का विकास कैसे संभव है ?

बच्चों के लिए कहानियां प्रेरणा का स्रोत है जैसा कि हम जानते हैं बच्चों का मन एक कोरे पन्ने की तरह होता है जिस पर प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धिनी कहानियों को एकत्रित करके हम उनका विकास एक सही राह पर कर सकते हैं

आज आपने सीखा – Moral Stories in Hindi

आशा है आप ने इन सभी कहानियों को पूरा पढ़ा होगा और आपको बहुत मजा आया होगा. मुझे बताएं TOP 10 Moral Stories in Hindi का कलेक्शन आपको कैसा लगा ?

यदि आपको कहानियां अच्छी लगी तो अपने दोस्तों को भी शेयर कीजिएगा ताकि उन्हें भी Short Moral Stories in Hindi for Kids का कलेक्शन पढ़कर मजा आ जाए और वे आपसे पूछे कि भाई कहां से इतनी अच्छी कहानियां ढूंढ कर लाते हो 😜

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2 Comments

    1. जानकर मुझे बहुत खुशी हुई. लेकिन मैं इसे और बेहतर बनाने की कोशिश करूंगा

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